एक समय में दो जगह हाजरी लगाने पर नर्स टर्मिनेट

एक समय में दो जगह हाजरी लगाने पर नर्स टर्मिनेट
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इस नर्स ने एमएमयू मुल्लाना अंबाला में स्टाफ नर्स के पद पर नौकरी ज्वाइन की और लगातार दो साल मुलाना में नौकरी करने के साथ-साथ वह देश भगत यूनिवर्सिटी मंडी गोबिंदगढ़ फतेहगढ़ साहिब में भी हाजिरी लगाती रही।

हरिभूमि न्यूज. कैथल

लगातार विवादों का केंद्र बन रहे सरकारी अस्पताल कैथल में एक और बड़ी कार्यवाही सामने आई है। इसमें सीएमओ कैथल ओमप्रकाश ने आरटीआई कार्यकर्ता जयपाल रसूलपुर द्वारा की गई शिकायत पर कार्यवाही करते हुए सरकारी अस्पताल में लगी प्रियंका रानी (कम्युनिटी नर्स) को तुरंत प्रभाव से टर्मिनेट करने के आदेश जारी किए हैं। गौरतलब है कि लगभग पांच महीने पहले जयपाल ने सीएम विंडो में शिकायत दी थी कि कैथल के सरकारी अस्पताल में कार्यरत प्रियंका रानी कम्युनिटी नर्स एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) स्कीम के तहत जो आज से 3 वर्ष पूर्व मार्च 2018 में ड्यूटी पर लगी थी। इस नर्स पर तीन बड़ी संस्थाओं जिसमें दो प्राइवेट यूनिवर्सिटी महाऋषि मारकंडेश्वर यूनिवर्सिटी मुल्लाना अंबाला तथा देश भगत यूनिवर्सिटी मंडी गोबिंदगढ़ फतेहगढ़ साहिब और सरकारी अस्पताल कैथल में फ्रॉड करना शामिल है के आरोप लगाए गए थे जो यही पाए गए हैं!

यह है पूरा मामला

इस नर्स ने अपने जीएनएम डिप्लोमा को पूरा करने के बाद एमएमयू मुल्लाना अंबाला में स्टाफ नर्स के पद पर नौकरी ज्वाइन की और लगातार दो साल मुलाना में नौकरी करने के साथ-साथ वह देश भगत यूनिवर्सिटी मंडी गोबिंदगढ़ फतेहगढ़ साहिब में पोस्ट बेसिक बीएससी नसिंर्ग का रेगुलर कोर्स (सेशन 2015-17) भी करती रही और दोनों जगह हाजिरी लगाती रही। इतना ही नहीं सरकारी अस्पताल कैथल में नौकरी ज्वाइन करने के बाद भी देश भगत यूनिवर्सिटी में रेगुलर बी.एस.सी नसिंर्ग की परीक्षाएं भी देती रही। इस बात की शिकायत जयपाल रसूलपुर ने जब इंडियन नसिंर्ग काउंसिल, नई दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा सरकार को सीएम विंडो के माध्यम से की थी जिसमे इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने इस पूरे मामले की जांच करके प्रियंका रानी को तीनों संस्थाओं में फर्जीवाड़ा करने का दोषी पाया और इसका नाम नर्सिंग रजिस्टर ऑफ हरियाणा से काटने के लिए हरियाणा नर्सिंग काउंसिल को लिखा था।

वहीं दूसरी ओर एसडीएम कैथल ने इसकी जांच की थी जिसमे अपनी टिप्पणी की थी कि प्रियंका रानी ने दो यूनिवर्सिटीज में फजीर्वाड़ा किया है जिसमे उसने सरकारी अस्पताल में मार्च 2018 में ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद लगातार अपनी अटेंडेंस सरकारी अस्पताल कैथल के साथ साथ देश भगत यूनिवर्सिटी में परीक्षाओं में भी लगाई थी और सरकारी पैसा वेतन के तौर पर क्लेम कर लिया था। जयपाल रसूलपुर ने यह भी बताया कि इस की नियुक्ति भी गलत तरीके से की गई थी क्योंकि प्रियंका रानी को कम्यूनिटी नर्स के पद पर नियुक्ति देते समय इसके प्राइवेट संस्था मुलाना का एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट के बेस पर 2 अंक दे दिए थे जो एनएचएम की गाइडलाइंस की उल्लंघन है और साथ में हाईकोर्ट चंडीगढ़ के आदेशों की भी उलंघना है। इस पूरे मामले में कार्यवाही करते हुए ओमप्रकाश सिविल सर्जन कैथल ने तुरंत प्रभाव से 17 मार्च 2021 को प्रियंका रानी को एनएचएम बायलॉज के नियम 21 के तहत दोषी मानते हुए इसकी सेवाओं को समाप्त करने का टर्मिनेशन ऑर्डर जारी कर दिया है।


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