लोकायुक्त हरियाणा का ऑफिस पंचकूला में बनेगा

योगेंद्र शर्मा: चंडीगढ़। आखिरकार हरियाणा के प्रदेश स्तरीय सरकारी दफ्तरों को चंडीगढ़ में पुराने खस्ताहाल भवनों से निकालने की मुहिम जारी है। सारी अटकलों के बावजूद लोकायुक्त आफिस के लिए पुराने पंचकूला सूरज थियेटर के पास में स्थान मिल गया है। जिस पर न्यू सचिवालय में चल रहे लोकायुक्त हरियाणा के लिए शानदार आफिस तैयार किया जाएगा। हरियाणा के लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अब इसमें कोई बाधा नहीं है, कुछ तकनीकी दिक्कतें थी, जिनको दूर कर दिया गया है। इस तरह से मिनी राजधानी कहे जाने वाले पंचकूला में लोकायुक्त हरियाणा के सभी आफिस एक ही छत के नीचे एक ही बिल्डिंग में होंगे। यहां पर उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ में सेक्टर 17 बस स्टैंड के पीछे न्यू सचिवालय के दूसरे तल से लेकर कईं फ्लोर पर हरियाणा लोकायुक्त के आफिस चलाए जा रहे हैं। जिसके कारण कईं तरह की चुनौतियां और परेशानी लोकायुक्त आफिस में काम करने वाले अफसर और स्टाफ झेल रहा है।
यहां पर बता दें कि कुछ महीने पहले हरियाणा लोकायुक्त आफिस को सेक्टर एक पंचकूला राजकीय कालेज की जमीन पर स्थापित किए जाने को लेकर तैयारी कर ली गई थी। जिसको लेकर कुछ पेंच फंस गए थे, बाद में इस पर विराम लग गया है। दरअसल, कालेज जमीन पर लोकायुक्त औऱ हरेरा आफिस स्थापित करने वाले कदम को लेकर उच्च शिक्षा विभाग (हायर एजूकेशन) की ओऱ से चुनौती दे दी गई थी। इस संदर्भ में एक याचिका में विभाग ने अपने प्रमुख सचिव के माध्यम से पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट को बताया गया था कि राजकीय कालेज की स्थापना के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण एचएसवीपी द्वारा कालेज को लगभग 14.88 एकड़ जमीन आबंटित की थी। इसमें लगभग 2.88 एकड़ा मंदिर (डेरा) संचालकों के कब्जे में हैं। राज्य सरकार की ओऱ से हरेरा और लोकायुक्त हरियाणा आफिसों के लिए 0.82 एकड़ जमीन दिए जाने का प्रस्ताव किया था। इसके बाद में राजकीय कालेज पंचकूला सेक्टर एक की ओर से 11.18 एकड़ जमीन छोड़ दी गई। हाई कोर्ट को इस बाबत सूचित किया गया। 18 अक्टूबर 2022 को एचएसवीपी की ओऱ से वैकल्पिक रास्ता सुझाया गया है, जिसमें पेट्रोल पंप और सूरज थियेरटर एरिया के पास सेक्टर एक में जगह का आवंटित किए जाने का प्रस्ताव दिया गा था। 18 सितंबर 2020 के प्रस्ताव को रद्द करने को लेकर कुछ विद्यार्थियों द्वारा यह मामला एक याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट में न्याय की मांग की गई थी। जिसमें सरकारी कालेज एक सेक्टर कब्जे से जमीन के कुछ भूखंडों को हरेरा (हरियाणा रेग्यूलेटरी अथारिटी) और लोकायुक्त हरियाणा आफिस के लिए आबंटित कर देने पर आपत्ति उठाई थी।
आफिस के लिए अलग से हो भर्ती
वर्तमान लोकायुक्त वैसे, भी अपनी रिपोर्ट राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को सौंप चुके हैं। वे लोकायुक्त आफिस के लिए अलग से स्टाफ देने और इसके लिए अलग ही काडर बना देने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है किजब उनके पास में खुद का स्टाफ होगा, तो कामकाज ज्यादा बेहतर ढंग से हो सकेगा। फिलहाल उनके आफिस में डेपूटेशन औऱ अन्य कईं विभागों का स्टाफ लेकर या फिर रिटायर लोगों को रिइंप्लायमेंट देकर कामकाज चलाना पड़ रहा है।
जुर्माना वसूली को लेकर लोकायुक्त सख्त
आरटीआई (सूचना के अधिकार) के तहत सूचना मांगने और नहीं मिलने पर कई चरणों में अपील करने वालों के लिए एक राहत भरी खबर है। बात यह है कि कई बार सूचना आयुक्तों द्वारा जुर्माना लगाकर संबंधित अघिकारी के वेतन से वसूली करने का आदेश दिया जाता है। अक्सर आदेश हो जाने के बाद भी लोगों को जुरमाना राशि नहीं मिल पाती साथ ही इसकी वसूली को लेकर भी कामकाज ढु़लमुल रहा करता था। लेकिन अब हरियाणा लोकायुक्त इस मामले में सख्त नजर आ रहे हैं, उनका कहना है कि कई मामलों में उन्होंने स्वयं संज्ञान लेकर जहां जुरमाना राशि जमा करवाई है। वहीं आने वाले वक्त में यह राशि आदेश होते ही सीधे खाते से कटकर पीड़ित को मिल जाए, इस तरह की व्यवस्ता बनाने जा रहे हैं।
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