खोरी में सरकारी जमीन पर कब्जा करवाने वाले अधिकारी हरियाणा सरकार की रडार पर

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
प्रदेश के दिल्ली से सटे फरीदाबाद खोरी गांव में नगर निगम की जमीन पर प्लाट काटकर बेच दिए जाने का मामला इन दिनों राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आया है। जहां एक ओर सुप्रीम अदालत के आदेश पर वहां पर निर्माण आदि तोड़े गए, वहीं अब प्रदेश के गृह एवं शहरी निकाय मंत्री अनिल विज ने पूरे मामले में गंभीरता दिखाते हुए शहरी निकाय के आला अफसरों से इस संबंध में उन अफसरों की जानकारी मांगी है, जिनके वक्त में जमीनों पर कब्जा हुआ था। कुल मिलाकर आने वाले वक्त में उन कर्मियों और अफसरों के लिए यह मामला गले की फांस बनेगा, जिनके वक्त में वहां पर प्लाटो की बिक्री के साथ ही अवैध कब्जे कराने का काम हुआ।
यहां पर उल्लेखनीय है कि मीडिया की सुर्खियों में आए गांव खोरी में अवैध निर्माण और निगम की जमीन पर प्लाट काटकर बेच दिए जाने के बाद, वैसे तो सूरजकुंड फरीदाबाद पुलिस ने पूरे प्रकरण में 16 मुकदमे दर्ज किए हैं। जिसमें लोगों को गुमराह कर सरकारी जमीन पर प्लाट काटकर बेचने के आरोप हैं। उक्त प्लाट जिन अफसरों और कर्मियों की तत्कालीन नियुक्ति के वक्त में काटे गए, उन पर शिकंजा कसे जाने की तैयारी है। विभाग के मंत्री और वरिष्ठ नेता अनिल विज ने इस संबंध में पूरी जानकारी जुटाने के लिए कहा है। विज इस बात से भी नाराज हैं, कि इतनी बड़ी संख्या में निर्माण का काम एक दिन में नहीं हुआ होगा साथ ही इसमें मिलीभगत के बिना इस तरह से सरकारी जमीन पर कब्जा भी नहीं हो सकता। इस तरह से अब अधिकारियों, कर्मियों की जानकारी आते ही फरीदाबाद नगर निगम के साथ-साथ जिला प्रशासन से जुड़े कुछ पुराने अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। इस बात की भनक लगने के बाद से कईं अफसरों द्वारा अभी से कईं अपने आका नेताओं के यहां पर गणेश परिक्रमा की शुरुआत कर दी गई है। एक दिन पहले बुधवार की देर शाम को विज ने अधिकारियों से उक्त कार्य में शामिल सभी का ब्योरा मांग लिया है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली-हरियाणा की फरीदाबाद सीमा के पास अरावली वन क्षेत्र में बसी खोरी बस्ती में अवैध निर्माण को लेकर प्रशासन ने अदालत के आदेश पर कार्रवाई की थी। सूबे की मनोहर सरकार ने वहां से बेघर हुए लोगों के लिए पुनर्वास नीति का एलान किया था ताकि इन सभी को हटाने के साथ ही सिर पर छत व मकान उपलब्ध हो सके। यहां पर यह भी बता दें कि लगभग ढाई हजार लोगों ने फ्लैट के लिए आवेदन कर दिया था। उक्त सभी का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद में खोरी गांव में उनके आशियाने भी ढहा दिए गए हैं।
उधर, इस संबंध में प्रदेश के गृह एवं शहरी निकाय मंत्री विज ने कहा-हां, फरीदाबाद खोरी मामले में मैने अवैध कब्जा किन अफसरों कर्मियों के वक्त में हुआ, उनकी जानकारी मांगी है। विज मानते हैं कि यह बिना किसी मिलीभगत के नहीं हो सकता। वहां पर हजारों की संख्या में आवास और फार्म हाउस बन गए और विभाग को किसी बात की भनक नहीं लगी ऐसा नहीं हो सकता पूरे मामले में दोषी अफसरों को बख्सा नहीं जाएगा।
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