पुराना औद्योगिक क्षेत्र को अच्छे दिनों का इंतजार : खस्ताहाल इंडस्ट्रियल की हालत सुधारने के लिए एचएसआईआईडीसी का 7.5 करोड़ खर्च करने का दावा

पुराना औद्योगिक क्षेत्र को अच्छे दिनों का इंतजार : खस्ताहाल इंडस्ट्रियल की हालत सुधारने के लिए एचएसआईआईडीसी का 7.5 करोड़ खर्च करने का दावा
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शहर की औद्योगिक तरक्की की शुरुआत जिस पुराने औद्योगिक क्षेत्र से हुई थी, वह अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यहां उद्योगपति बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं। टूटी सड़कों और खराब स्ट्रीट लाइट की शिकायत यहां आम है। हालांकि एचएसआईआईडीसी सुधार करवाने के लिए 7.5 करोड़ रुपए के बजट का दावा कर रहा है, लेकिन हालात कब सुधरेंगे, यह कहना मुश्किल है।

हरिभूमि न्यूज बहादुरगढ़ । शहर की औद्योगिक तरक्की की शुरुआत जिस पुराने औद्योगिक क्षेत्र से हुई थी, वह अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यहां उद्योगपति बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं। टूटी सड़कों और खराब स्ट्रीट लाइट की शिकायत यहां आम है। हालांकि हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का दावा है कि यहां बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 7.5 करोड़ रुपए के काम करवाए जाएंगे।

दशकों पूर्व विकसित किया गया पुराना औद्योगिक क्षेत्र बदहाल हो चुका है। स्थानीय उद्योगपतियों द्वारा सरकार को टैक्स भी दिया जाता है, लेकिन बदले में उन्हें सुविधाएं नहीं मिलती। यहां आंतरिक सड़कों की हालत बहुत खराब है और गड्ढे परिवहन को मुश्किल बनाते हैं। उद्योगपति तमाम मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। खराब स्वच्छता, ध्वस्त निकासी, टूटी सड़कों और खराब स्ट्रीट लाइट की शिकायत के बावजूद कोई फायदा नहीं हो रहा। उद्यमी राजेश कुमार के अनुसार पुराने औद्योगिक क्षेत्र में सड़कों की हालत खस्ता है। अधिकांश सड़कों पर केवल गड्ढे बचे हैं। इन गड्ढों वाली सड़कों पर पानी भरा रहता है। जिस कारण उद्योगपतियों और श्रमिकों को अपने कारखानों तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

जर्जर सड़कों से हर समय धूल उड़ती रहती है, जिससे वाहन चलाना मुश्किल हो जाता है। रात में यह क्षेत्र कतई सुरक्षित नहीं है। स्थानीय उद्यमियों का कहना है कि सरकार को औद्योगिक क्षेत्र में बुनियादी ढांचा बेहतर करने के काम में तेजी लानी चाहिए। शहर के मध्य में स्थित पुराना औद्योगिक क्षेत्र में करीब 80 प्लाट हैं और छोटी-बड़ी करीब 50 फैक्ट्रियां चल रही हैं। पहले यह क्षेत्र उद्योग विभाग के अधीन था। लेकिन कई साल पहले मनोहर सरकार ने इसे एचएसआईआईडीसी को हैंडओवर कर दिया था। अब एचएसआईआईडीसी ने शहर के सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए साढ़े सात करोड़ का संशोधित एस्टीमेट पास कर दिया है। इसके तहत करीब दो किलोमीटर सड़क, करीब ढाई किलोमीटर लंबी पानी की पाइप लाइन, 2200 मीटर सीवर लाइन और 2650 मीटर लंबी स्टोर्म वाटर ड्रेनेज लाइन बिछाने के साथ ही सड़क किनारे फुटपाथ बनाने का प्रावधान किया गया है। लेकिन यह काम कब शुरू होगा, यह कहनाइ मुश्किल है।



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