हरियाणा : नकली थे जींद में पकड़े गए करोड़ों रुपये के पुराने नोट, नई करंसी में बदलने की थी तैयारी, गिनने में दो मशीनों को लगे साढ़े सात घंटे

हरियाणा : नकली थे जींद में पकड़े गए करोड़ों रुपये के पुराने नोट, नई करंसी में बदलने की थी तैयारी, गिनने में दो मशीनों को लगे साढ़े सात घंटे
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गांव हाडवा निवासी संजय ने कलर प्रिंटर की सहायता से नकली पुरानी करंसी के नोटों को घर पर ही तैयार किया था। नकली कलर प्रिंटिड नोटों को 25 प्रतिशत के हिसाब से नई करंसी में तबदील करने की सौदेबाजी पानीपत निवासी सुनील से हुई थी।

हरिभूमि न्यूज : जींद

हरियाणा में जींद जिले के गांव हाडवा में छापेमारी कर पकड़ी गई आठ करोड़ 42 लाख 60 हजार की पुरानी नकली करंसी कलर प्रिंटिड है। जिसे गिनने के लिए पुलिस को साढे सात घंटे लगे। जिसके लिए बकायदा नोट गिनने वाली दो मशीनों का सहारा लिया गया। प्रिंटिंस कलर पुरानी नकली करंसी की सौदेबाजी 20 से 25 प्रतिशत पर हुई थी। जिसका मुख्य सूत्रधार पानीपत निवासी सुनील रहा। इससे पूर्व नकली प्रिंटिड पुरानी करंसी को सप्लाई किया जाता, पुलिस ने छापेमारी कर प्रिंटिड कलर पुरानी नकली करंसी छापने वाले व्यक्ति समेत चार लोगों को काबू कर लिया। पुलिस ने पकड़े गए चारों लोगों समेत पांच के खिलाफ धोखाधड़ी, भारतीय करंसी चिन्ह का दुरूपयोग करने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर अदालत में पेश किया। जहां से अदालत ने चारों आरोपितों को दो दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया।

हो चुकी थी सौदेबाजी, सप्लाई की थी तैयारी, चार गिरफ्तार

गांव हाडवा निवासी संजय ने कलर प्रिंटर की सहायता से नकली पुरानी करंसी के नोटों को घर पर ही तैयार किया था। रविवार शाम को पुलिस ने जब छापेमारी की तो प्रिंटिड कलर नकली करंसी को कट्टों, कैरी बैग में भरकर गाड़ी के माध्यम से पानीपत ले जाने की तैयारी थी। पुलिस ने मौके से गांव हाडवा निवासी संजय, गांव जयसिंहपुरा निवासी हरदीप, असंध निवासी भारत भूषण तथा गांव दुडाना निवासी मुसकीन को काबू किया था। पुलिस ने संजय के घर से आठ करोड़ 42 लाख 60 हजार रुपये की नकली प्रिंटिड पुरानी करंसी बरामद की थी। जिसमें सात करोड़ 99 लाख 75 हजार रुपये एक-एक हजार के नोट, जबकि 500-500 के नकली नोटों की संख्या 42 लाख 85 हजार रुपये थी।

पैट्रोल पंप चलाता है भारत भूषण, पानीपत निवासी सुनील से हुई थी सौदेबाजी

नकली प्रिंटिड कलर भारतीय करंसी को कलर प्रिंटर की सहायता से गांव हाडवा निवासी संजय ने अपने घर पर तैयार किया था। जिसके लिए बकायदा घर में पूरा साजो सामान रखा हुआ था। नवम्बर माह से संजय कलर प्रिंटर की सहायता से पुराने प्रिंटिड कलर करंसी तैयार करने में लगा हुआ था। असंध में पेट्रोल पंप चलाने वाला भारत भूषण आरोपित संजय के संपर्क में था। नकली कलर प्रिंटिड नोटों को 25 प्रतिशत के हिसाब से नई करंसी में तबदील करने की सौदेबाजी पानीपत निवासी सुनील से हुई थी। जिसमे मध्यस्त भारत भूषण रहा। हरदीप तथा मुसकीन दोनों भारत भूषण के पैट्रोल पंप पर सेल्जमैन है। आरोपित सुनील ने आगे किसी पार्टी के साथ पुरानी नकली करंसी को नई करंसी में बदलने के लिए सौदेबाजी की हुई थी।

मां रही गांव की सरपंच, कर्ज हुआ तो अपनाया नकली नोटों का धंधा

गांव हाडवा निवासी संजय की मां वर्ष 2005 में गांव की सरपंच रही है। जबकि संजय पशुओं का व्यापार करता था। साथ ही संजय अच्छा खासा कर्जवान भी हुआ, यहां तक की उसने अपने हिस्से की कुछ जमीन को बेच दिया। जिसके बाद संजय ने नकली कलर प्रिंटिड पुरानी करेंसी को बनाने का कार्य शुरू कर दिया। डीएसपी जितेंद्र खटकड़ ने बताया कि पकड़ी गई पुरानी करंसी नकली तथा कलर प्रिंटिड है। 20 से 25 प्रतिशत के हिसाब से नकली करंसी को नई करंसी में बदलने का आश्वासन दिया गया था। आठ करोड़ 42 लाख 60 हजार की नकली प्रिंटिड पुरानी करंसी के साथ चार लोगों को मौके से पकड़ा है। जबकि पानीपत निवासी एक व्यक्ति की तलाश की जा रही है। फिलहाल आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर रिमांड पर लिया गया है।

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