जमानत मिलते ही फील्ड में उतरे ओमप्रकाश चौटाला, बुजुर्गों की पेंशन काटने पर उठाए सवाल

जमानत मिलते ही फील्ड में उतरे ओमप्रकाश चौटाला, बुजुर्गों की पेंशन काटने पर उठाए सवाल
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इनेलो सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा गठबंधन सरकार ने बुजुर्गों को वायदा तो 5100 रूपए सम्मान पेंशन देने का किया था लेकिन अब जो मिल रहा है उसे भी काटकर ताऊ देवी लाल के सम्मान का अपमान कर रही है।

चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला जमानत मिलने के 16 घंटे के भीतर शुक्रवार को फील्ड में उतरे। शुक्रवार को इनेलो पार्टी द्वारा प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर भाजपा-जजपा सरकार द्वारा बुढ़ापा पेंशन काटे जाने के विरोध में प्रदर्शन कर उपायुक्तों को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया। झज्जर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे इनेलो कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि ताऊ देवी लाल की इच्छा थी कि प्रदेश की जनता को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं दी जाए जिसके लिए मुख्यमंत्री रहते उन्होंने किसान, गरीब, मजदूर और कमेरों के उत्थान के लिए कई योजनाएं लागू की, जिसमें से एक 100 रुपये से बुजुर्ग सम्मान पेंशन शुरू की थी ताकि बुजुर्गों का मान सम्मान बना रहे और बुजुर्गों को किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े।

इनेलो सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा गठबंधन सरकार ने बुजुर्गों को वायदा तो 5100 रूपए सम्मान पेंशन देने का किया था लेकिन अब जो मिल रहा है उसे भी काटकर ताऊ देवी लाल के सम्मान का अपमान कर रही है। 1987 में जब बुढ़ापा सम्मान पेंशन शुरू की गई थी तब किसी भी प्रकार की आय या अन्य कोई भी शर्त नहीं रखी गई थी लेकिन प्रदेश की भाजपा गठबंधन सरकार साजिश के तहत आय की आड़ में बुजुर्गों की सम्मान पेंशन काट रही है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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