ऐलनाबाद उपचुनाव में कांग्रेस की हार पर सैलजा ने हुड्डा समर्थित भरत बेनीवाल से मांगा जवाब, पार्टी विरोधी काम करने के आराेप

चंडीगढ़। ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर समीक्षा करने और पूरे मामले में हाईकमान को रिपोर्ट भेजने के इरादे साफ कर चुकी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सैलजा ने पूरे मामले में कांग्रेस प्रत्याशी की हार व जमानत जब्त हो जाने को लेकर एक्शन की शुरुआत कर दी है। इस मामले में सबसे पहले पूर्व विधायक भरत सिंह बैनिवाल को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। सिरसा की ऐलनाबाद सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार पवन बैनिवाल की जमानत जब्त हो जाने के मामले को कांग्रेस की ओर से गंभीरता से लिया है। हार के कारणों की पूरी समीक्षा और सियासी दिग्गजों के साथ में मंथन करने जुटी कांग्रेस की अध्यक्ष सैलजा ने पूर्व विधायक भरत सिंह बैनिवाल को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
भरत सिंह बेनीवाल पूर्व विधायक ऐलनाबाद सिरसा जिले की सीट से कांग्रेस के टिकट के प्रबल दावेदारों में एक थे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा उन्हें टिकट दिलाने के लिए प्रयास भी कर रहे थे, हुड्डाा खेमे में खासम खास भरत सिंह को टिकट नहीं मिला, जिसके कारण चुनाव के दौरान भी उनकी भूमिका को लेकर सवाल उठते रहे। दूसरी तरफ भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पवन बैनीवाल को टिकट दिलाने के पीछे पीसीसी अध्यक्ष कुमारी सैलजा का हाथ उनके सिर पर होना था, इसीलिए सफलता मिल गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी ने नेता विपक्ष और पूर्व सीएम हुड्डा की तरफदारी करते हुए कहा कि पवन बैनीवाल ठीक ढंग से चुनाव लड़ते तो उनकी जमानत जब्त कभी नहीं होती।
सैलजा की ओर से भरत बैनीवाल को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि उन्होंने ऐलनाबाद उपचुनाव में पार्टी विरोधी काम किए हैं। भरत बैनीवाल दड़बाकलां से विधायक रह चुके हैं और ऐलनाबाद में दो बार चुनाव हार चुके हैं। पूर्व विधायक भरत और पवन बैनीवाल आपस बेहद ही नजदीकी रिश्तेदार हैं। पूर्व विधायक पर कईं तरह के आरोप लग रहे हैं, उन्होंने एक वीडियो में कहा था कि पवन बैनीवाल ऐलनाबाद में तीसरे नंबर पर रहने वाले हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भी वह अपने कान का आपरेशन कराने के लिए मोहाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गए थे।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल ने भी इस बारे में साफ तौर पर कहा था कि ऐलनाबाद में पवन बैनीवाल से सही ढंग से प्रचार तक नही किया, इसलिए वहां पार्टी का प्रत्याशी हार गया है। प्रत्याशी की जमानत जब्त हो जाने के कारण भी कांग्रेस के अंदर चर्चा का विषय़ बना हुआ है। बंसल से अलग सैलजा ने इशारों ही इशारों में सुई हुड्डा की तरफ घुमाई और हार के कारणों पर मंथन करते हुए रिपोर्ट हाईकमान को सौंपने की बात कही। हाई कमान को इस सीट की समीक्षा और जमीन पर काम नही करने वाले नेताओं को लेकर पीसीसी अध्यक्ष बेहद नाराज हैं, इस क्रम में ही भरत सिंह बैनीवाल को कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया है। नोटिस का जवाब देने की समय अवधि भी पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी तक बैनीवाल ने जवाब नहीं दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के समर्थकों ने ऐसी सूचनाएं एकत्र की हैं, जिसमें करीब दो दर्जन दलित बाहुल्य गांवों में कांग्रेस को अपेक्षा के हिसाब से वोट नहीं मिल पाए। रिपोर्ट को हुड्डा समर्थक किसी भी समय सैलजा के विरुद्ध इस्तेमाल कर सकते हैं। कांग्रेस में खींचतान और गुटबाजी, खेमेबंदी में अब एलनाबाद का उपचुनाव भी एक अहम विषय बन गया है। घमासान के बीच हुड्डा समर्थक पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी ने कहा कि ऐलनाबाद के चुनाव नतीजों से कोई भी खुश नहीं है। हर कोई रुआंसा है। अभय चौटाला सिरसा जिले के ताऊ देवीलाल का गढ़ कहा करते थे। भाजपा-जजपाा-हलोपा ने चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपनाया मगर फेल हो गया। जननायक जनता पार्टी प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने दलील दी है कि ऐलनाबाद उपचुनाव में भाजपा-जजपा गठबंधन ने लोगों का दिल जीता है। भय और आतंक के खिलाफ जनता ने अपनी वोट की ताकत दिखाई है। किसान के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेकने वालों को लोगों ने सबक सिखाने का काम किया।
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