किसानों पर दर्ज हत्या के मुकदमे के विरोध में भाकियू की महापंचायत 29 अक्टूबर को, यह चेतावनी दी

किसानों पर दर्ज हत्या के मुकदमे के विरोध में भाकियू की महापंचायत 29 अक्टूबर को, यह चेतावनी दी
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प्रदेश स्तरीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh) ने दी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा किसानोंं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग को लेकर महापंचायत में पहुंंचने वाला हर किसान सिर पर कफन बांधकर पहुंचेगा

हरिभूमि न्यूज : कुरुक्षेत्र

नारायणगढ़ में भाजपा की ट्रैक्टर रैली के दौरान किसान (Farmer) की मौत मामले में भाकियू कार्यकर्ताओं पर दर्ज किए गए धारा 302 के मुकदमे (Case) के विरोध में भारतीय किसान यूनियन 29 अक्टूबर को अंबाला की मोहडा अनाज मंडी में महापंचायत करेगा। यह जानकारी कंबोज धर्मशाला में आयोजित प्रदेश स्तरीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (State BKU chief Gurnam Singh Chaduni) ने दी।

चढूनी ने कहा कि किसानोंं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग को लेकर महापंचायत में पहुंंचने वाला हर किसान सिर पर कफन बांधकर पहुंचेगा। महापंचायत में सरकार को बता देंगे कि जनता की पॉवर क्या होती है। गुरनाम सिंह ने कहा कि नारायणगढ़ रैली में जिस किसान की मौत हुई है उसे किसी ने भी टच तक नहीं किया लेकिन फिर भी पुलिस ने भाकियू कार्यकर्ताओं पर धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया।

चढूनी ने कहा कि मुकदमा तो उल्टा रैली के आयोजकों पर दर्ज होना चाहिए था जो एक बुजुर्ग व बीमार किसान को रैली में लेकर आए। जिस किसान को पहले भी तीन बार हार्ट अटैक हो चुका है ऐसे में उसे रैली में नहीं लेकर आना चाहिए था। चढूनी ने कहा कि जो अपने कार्यकर्ता की मृत्यु पर भी निजी फायदा उठाना चाहे इससे बुरी सोच और क्या हो सकती है। चढूनी ने कहा कि उन पर पांच जिलों रोहतक, करनाल, पिपली, शाहबाद व नारायणगढ़ में अलग-अलग पर्चे दर्ज किए गए। पर्चे दर्जकर भाजपा सरकार उन्हें डराना चाहती है लेकिन भारतीय किसान यूनियन डरने वाली नहीं है।

चढूनी ने बैठक में मौजूद किसानों से कहा कि इन मुकदमों से डरना नहीं है और 25 अक्टूबर को दशहरा वाले दिन रावण की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला ब्लॉक स्तर पर जलाना है। इसके अलावा बैठक में 5 नवंबर को सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगाए जाने वाले जाम बारे विचार-विमर्श किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए भाकियू के प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि तीन कानून बनाए जाने के बाद ट्रैक्टर रैली निकालने का क्या औचित्य है। यदि ट्रैक्टर रैली निकालनी थी तो वह कानून बनने से पहले निकाली जानी चाहिए थी। बैठक को संजू गुंदियाना, गुलाम सिंह, संजीव आलमपुर, होशियार सिंह सहित कई किसान नेताओं ने संबोधित किया।

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