केन्द्र की तर्ज पर पशुपालकों को भी किसान सम्मान निधि के साथ जोड़े हरियाणा सरकार : दौलतपुरिया

केन्द्र की तर्ज पर पशुपालकों को भी किसान सम्मान निधि के साथ जोड़े हरियाणा सरकार : दौलतपुरिया
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पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को डाक के माध्यम से लिखित पत्र भी भेजा है। उन्होंने कहा कि मछली पालकों की तर्ज पर प्रदेश सरकार को भी अपने बजट सत्र में पशु पालकों की ओर ध्यान देना चाहिए।

हरिभूमि न्यूज. फतेहाबाद। 20 फरवरी से शुरू होने वाले हरियाणा सरकार के बजट सत्र से प्रदेशवासियों को बहुत उम्मीदें हैं, प्रदेश सरकार को जनता विशेषकर किसान व पशुपालक वर्ग के हितों व हकों को बजट सत्र में शामिल करना चाहिए। जनता के विकास के मुद्दों को बजट सत्र में रखा जाना चाहिए। यह बात पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता बलवान सिंह दौलतपुरिया ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कही।

इस संदर्भ में पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को डाक के माध्यम से लिखित पत्र भी भेजा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने मछली पालकों को किसान वर्ग में शामिल करते हुए इन्हें भी किसान माना है तथा किसान सम्मान निधि के तहत किसानों के खातों में आने वाली आर्थिक सहायता राशि भी मछली पालकों को देना सुनिश्चित किया है। इसी तर्ज पर प्रदेश सरकार को भी अपने बजट सत्र में प्रदेश के पशु पालकों की ओर ध्यान देना चाहिए।

पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया ने कहा कि बढ़ती महंगाई के कारण आज के समय में पशु पालना भी बहुत मुश्किल होता जा रहा है, इसलिए सरकार को पशुपालकों की आर्थिक सहायता के लिए प्रयास करना चाहिए। पूर्व विधायक ने कहा कि जिस प्रकार केन्द्र सरकार ने मछली पालकों को किसान माना है और उन्हें किसान सम्मान निधि के साथ जोड़ा है, उसी प्रकार हरियाणा सरकार भी अपने बजट सत्र में इस नियम को लागू करते हुए प्रदेश के पशु पालकों को किसान मानते हुए इन्हें भी किसान सम्मान निधि से जोड़े। सरकार के इस फैसले से पशु पालकों का उद्धार होगा। बलवान सिंह दौलतपुरिया ने कहा कि किसानों को उनके खाते में मिलने वाली आर्थिक सहायता का लाभ पशु पालकों को मिलना चाहिए। पशु पालन भी एक प्रकार से खेती बाड़ी से जुड़ा व्यवसाय है। प्रदेश के वित्त मंत्री के रूप में कार्य कर रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल से पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया ने आह्वान किया कि इस विषय पर विचार अवश्य किया जाना चाहिए। यह प्रदेश के लाखों पशु पालकों के आर्थिक उन्नति का विषय है।

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