बर्खास्त ड्राइवर की याचिका पर हाई कोर्ट ने हरियाणा के वितायुक्त संजीव कौशल को पेश होने का आदेश दिया

बर्खास्त ड्राइवर की याचिका पर हाई कोर्ट ने हरियाणा के वितायुक्त संजीव कौशल को पेश होने का आदेश दिया
X
मंगलवार को सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से जवाब दायर कर कहा गया कि पन्ना लाल की नियुक्ति एक वर्ष के लिए 23 मई 2018 को आउट-सोर्स के जरिए कॉन्ट्रेक्ट पर की गई थी जिसकी अवधि बाद में बढ़ाते हुए 25 जुलाई 2020 तक कर दिया गया था। ऐसे में वह अपनी बर्खास्तगी के आदेशों को कैसे चुनौती दे सकता है।

Haryana : सोशल मीडिया पर हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर टिप्पणी करने के आरोप में बर्खास्त हांसी के एसडीएम के ड्राइवर पन्ना लाल की याचिका पर हाई कोर्ट ने हरियाणा के वितायुक्त संजीव कौशल को अगली सुनवाई पर पेश होने का आदेश दिया है।

हाई कोर्ट के जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने यह आदेश जारी किया है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से जवाब दायर कर कहा गया कि पन्ना लाल की नियुक्ति एक वर्ष के लिए 23 मई 2018 को आउट-सोर्स के जरिए कॉन्ट्रेक्ट पर की गई थी जिसकी अवधि बाद में बढ़ाते हुए 25 जुलाई 2020 तक कर दिया गया था। ऐसे में वह अपनी बर्खास्तगी के आदेशों को कैसे चुनौती दे सकता है। क्योंकि जब उसके कॉन्ट्रेक्ट की अवधि कि समाप्त हो चुकी हो और फिर इस कार्यकाल में उसका काम संतोषजनक भी नहीं था। उसके बाद फेसबुक पर उपमुख्यमंत्री पर टिपण्णी करना सेवा में रहते बिल्कुल सही नहीं है यह प्रोफेशनल मिसकंडक्ट है जिसकी जांच के बाद उसे बर्खास्त किए जाने के आदेश जारी कर दिए गए थे ।

पन्ना लाल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 15 दिसंबर को जारी उस आदेश को रद करने की मांग की है जिसके तहत उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। याचिका में पन्ना लाल ने कोर्ट को बताया कि वह आउटसोर्सिंग पालिसी के तहत ड्राइवर के पद पर कार्यरत था। जिस पोस्ट को आधार बना कर उसे नौकरी से निकाला गया, वह दुष्यंत चौटाला के उप मुख्यमंत्री बनने से पहले की पुरानी पोस्ट है। उसे कोई नोटिस दिए बगैर व बिना जांच के ही सीधे आदेश जारी कर बर्खास्त कर दिया गया।

पन्ना लाल ने हाई कोर्ट से आग्रह किया था कि उसके बर्खास्तगी के आदेश पर रोक लगा कर उसे बहाल किया जाए। हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सरकार को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी जाए। ज्ञात रहे कि एसडीएम हांसी की तरफ से चालक को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया गया था। आदेश में लिखा गया था कि आपके द्वारा उपमुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट की गई थी, जो दंडनीय अपराध है। इसलिए आपको पद से मुक्त किया जा रहा है।

Tags

Next Story