करनाल लाठीचार्ज : जांच के लिए गठित आयोग का एक माह पूरा, जस्टिस अग्रवाल ने मांगा तीन माह का वक्त

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
सूबे की मनोहर सरकार द्वारा करनाल टोल प्लाजा पर हुए घटनाक्रम की जांच के लिए गठित किए गए एक सदस्यीय आयोग का एक माह का कार्यकाल रविवार को पूर्ण हो गया है। लेकिन अभी जांच की प्रक्रिया का शुरुआती दौर चल रहा है, इसीलिए जस्टिस एसएन अग्रवाल की ओऱ से राज्य सरकार से तीन माह का वक्त मामले में जांच पूरी करने के लिए मांगा है। आयोग की ओर से शुक्रवार को ही एक पत्र मुख्य सचिव, गृह सचिव के माध्यम से सरकार के पास में भेजा गया है।
यहां पर बता दें कि करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज और किसान संगठनों के आंदोलन के चर्चित मामले में राज्य की मनोहरलाल सरकार ने किसान संगठनों की मांग पर जांच का आदेश दे दिया था। सरकार ने टोल प्लाजा मामले की जांच एक माह के अंदर करने के लिए आयोग गठित किया था, लेकिन टोल प्लाजा मामले में भी आयोग की ओऱ से शुरुआत कर दी गई है, जिसमें चंद लोगों के बयान दर्ज हुए हैं।
जस्टिस अग्रवाल का कहना है कि अगर सरकार मात्र टोल प्लाजा की घटना तक जांच कराने के हक में है, तो इसमें तीन माह का वक्त और चाहिए। इसके अलावा अगर पूरे किसान आंदोलन संबंधी मामलों की जांच करनी है, तो दोनों जांच साथ-साथ चलेंगी इसमें काफी वक्त चाहिएगा। जस्टिस अग्रवाल ने रविवार को कहा कि अब राज्य सरकार की ओऱ से 22 अक्टूबर को भेजे गए पत्र का जो भी जवाब आएगा, उसके आधार पर ही जांच का काम आगे चलेगा।
यहां पर यह भी बता दें कि बस्ताडा करनाल टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज और आइएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के वायरल वीडियो की जांच को लेकर अग्रवाल ने आयोग के गठन के वक्त ही इसमें तीन से चार माह का वक्त लग जाने की बात कही थी। अब एक माह बीत जाने पर भी उन्होंने तीन महीने का वक्त मांगा है। राज्य सरकार भी वक्त बढ़ाए जाने की बात को लेकर सहमत है, इसीलिए जल्द ही समय सीमा बढ़ जाने की संभावनाएं हैं।
पूरे आंदोलन को लेकर जांच हुई तो लगेगा वक्त
राज्य में किसान संगठनों के आंदोलन की शुरूआत होने और हालात को लेकर भी जस्टिस अग्रवाल ने दो दिन पहले भेजे पत्र में पूछा है, क्योंकि बाकी जांच भी करनी हुई, तो उस हालात में छह माह से ज्यादा का वक्त लगेगा।
29 अक्टूबर तक गवाही
जस्टिस एसएन अग्रवाल बताते हैं कि टोल प्लाजा मामले में उन्होंने शुरुआती जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। जिसके तहत गवाही चल रही है, इसीलिए एक माह का वक्त पूरा होने के साथ ही आयोग का कार्यकाल तीन माह तक बढ़ाने का अनुरोध कर दिया गया है। चेयरमैन ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखनेकी पुष्टि की है। जस्टिस एसएन अग्रवाल की अध्यक्षता में टोल प्लाजा पर घटनाक्रम की जांच के लिए 25 सितंबर को एक सदस्यीय आयोग गठित किया गया था। यह बात अलग है कि आयोग चेयरमैन ने 11 अक्टूबर को कामकाज संभाल लिया था। खास बात यह है कि जस्टिस अग्रवाल का यह आयोग टोल प्लाजा पर हुई घटना में प्रत्यक्षर्शियों को बुला रहा है। इन सभी के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं।
अभी भी स्टाफ और साधनों का अभाव
एक सदस्यीय आयोग के पास में अभी भी साधनों औऱ मैनपावर का अभाव है। जस्टिस अग्रवाल का कहना है कि इस संबंध में राज्य सरकार के आला अफसरों के माध्यम से पंचकूला में कार्यालय में तमाम स्टाफ और सुविधाएं उपलब्ध कराने को कह गया है,वहां से जल्द ही सारी व्यवस्था दुरुस्त करने की बात कही गई है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS