Haryana Weather : 30 वर्षों में इस बार ठंड में ही सामान्य से एक हजार प्रतिशत ज्यादा हुई बारिश

Haryana Weather : 30 वर्षों में इस बार ठंड में ही सामान्य से एक हजार प्रतिशत ज्यादा हुई बारिश
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अगर आंकडों पर नजर दौडाई जाए तो प्रदेश में औसतन से एक हजार प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। औसतन तौर पर प्रदेश में जनवरी के पहले पखवाडे में 4.8 एमएम बारिश होती है। इस बार औसतन तौर पर प्रदेश में 52.8 एमएम बारिश दर्ज की गई है। बारिश से रबी फसलों को काफी फायदा पहुंचा है।

सतेंद्र पंडित. जींद

पश्चिमी क्षोभ की सक्रियता के चलते ठंड के सीजन जनवरी माह के पहले पखवाडे में बदरा प्रदेशभर में जमकर बरसे है। प्रदेश के हर जिले में औसतन से कहीं ज्यादा बारिश हुई है। अगर आंकडों पर नजर दौडाई जाए तो प्रदेश में औसतन से एक हजार प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। औसतन तौर पर प्रदेश में जनवरी के पहले पखवाडे में 4.8 एमएम बारिश होती है। इस बार औसतन तौर पर प्रदेश में 52.8 एमएम बारिश दर्ज की गई है। बारिश से रबी फसलों को काफी फायदा पहुंचा है। बावजूद इसके कुछ स्थानों पर जलभराव भी हुआ है। जिससे वहां बिजी गई फसलों को नुकसान पहुंचा है। सबसे अधिक बारिश युमनानगर में 123.6 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जबकि औसतन तौर पर 9.8 एमएम बारिश वहां होती है। जबकि सबसे कम 26.5 एमएम बारिश फतेहबाद में दर्ज की गई है। यहां पर 3.7 एमएम बारिश होती है।

सर्दी के मौसम में आमतौर पर कम ही बारिश होती है। इस बार 30 वर्षों में जनवरी माह के पहले पखवाडे में झमाझम तथा रिकार्ड बारिश हुई है। औसतन तौर पर जनवरी माह के पहले पखवाडे में 4.8 एमएम ही बारिश होती है। इस बार जनवरी माह के पहले पखवाडे में रिकार्ड 52.8 एमएम बारिश दर्ज की गई है। सर्दी के सीजन में हुई बारिश से फसलों को काफी फायदा पहुंचा है। वहीं जिन इलाकों में सेम की समस्या है वहां पर जरूर फसलों के लिए बरसाती पानी ने दिक्कत खडी की हुई है। वहां पर बिजी गई फसलों में अब भी बरसाती पानी खडा हुआ है।

सूखी ठंड से प्रभावित होती हैं फसलें, बारिश ने दी राहत

रबी फसल बिजाई के बाद दिसम्बर माह के मध्य पखवाडे से अच्छी ठंड शुरु हो जाती है। जो जनवरी माह के अंत तक बनी रहती है। इस दौरान औसतन तौर पर बारिश बहुत कम होती है। सूखी ठंड तथा पाला पडने के कारण ग्रोथ ले रही फसलों पर विपरित प्रभाव पडता है। इस अवधि के दौरान मौसम परिवर्तनशील तथा शुष्क रहा है, जनवरी के पहले पखवाडे में हुई अच्छी खासी बारिश से फसलों को अच्छा खासा फायदा पहुंचा है और काफी हद तक पानी की कमी को पूरा कर दिया है। फसलों को अच्छी ग्रोथ मिल रही है और फूटाव भी अच्छा हो रहा है।

पांडू पिंडारा कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश ने बताया कि मैट्रोलोजी विभाग चंडीगढ के अनुसार जनवरी के पहले पखवाडे में औसतन तौर पर प्रदेश में 4.8 एमएम बारिश होती रही है। इस बार प्रदेश में औसतन तौर पर 52.8 एमएम बारिश हुई है जो औसतन से एक हजार प्रतिशत ज्यादा है।

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