एनसीआर में अब एक तिहाई हिस्सों में बांटकर चलेंगे भट्ठे, पहले वर्ष किसका नंबर आएगा, ड्रा से होगा फैसला

हरिभूमि न्यूज. जींद
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( Ngt ) के फेर में उलझे एनसीआर ( Ncr ) के ईंट भट्ठा संचालकों की दिक्कते कम होने का नाम नहीं ले रही है। जिग जैग के नाम पर लाखों रुपये ईंट भट्ठों पर खर्च किए गए तो फरवरी माह में फिर से पर्यावरण के नाम पर रोक लगा दी गई। अब नए निर्णय के अनुसार एनसीआर में सिर्फ एक तिहाई भट्ठे ही एक साल तक चलेंगे। ईंट भट्ठे कौन से चलेंगे, इसका फैसला भी ड्रा के द्वारा गठित कमेटी करेगी। यानि ईंट भट्ठे एनसीआर में दीवाली के बाद नहीं बल्कि ड्रा होने के बाद मार्च में चलाए जाएंगे। एनजीटी ने पर्यावरण के मध्यनजर प्रदूषण को कम करने के लिए सरकारों को ठोस कदम उठाने के साथ साथ प्रदूषण रहित गाइड लाइन एनसीआर क्षेत्र में जारी की हुई है। एनजीटी के आदेशों में उलझे ईंट भट्ठा मालिकों ने नई पद्धति जिंग जैग को अपनाया और लाखों रुपये उस पर खर्च किए। बावजूद इसके ईंट भट्ठा चलने पर संशय बना रहा।
गत फरवरी माह में ईंट भट्ठों को फिर से बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए। जिससे भट्ठा उद्योग से जुड़े परिवार दोराहे पर खड़े हो गए। जिसके चलते ईंटों के दाम भी आसमान छुने लगे। अब खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता के महानिदेशक ने एनजीटी आदेशों का हवाला देते हुए ईंट भट्ठा संचालकों की पून कमेटी का गठन करने के आदेश दिए हैं। कमेटी में उपायुक्त के अलावा जिला खादय एवं आपूर्ति नियंत्रक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रिय अधिकारी को शामिल किया जाएगा। साथ ही आदेशों में कहा गया है कि एनसीआर इलाके में वैध लाइसेंस के ईंट भट्ठों को एक तिहाई हिस्सों में बांटते हुए एक-एक वर्ष चलाया जाए। पहले भट्ठे कौन से चलेंगे इसको लेकर भट्ठा मालिकों के समक्ष ड्रा निकाला जाए। जिसका ड्रा निकलेगा वे ही भट्ठे पहले वर्ष चल पाएंगे। फिर अगले तीन वर्षों तक वे भट्ठे बंद रहेंगे।
हरियाणा प्रदेश ईंट भट्ठा स्वामी एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष प्रवीन ढिल्लों ने कहा कि आधुनिकरण के नाम पर लाखों रुपये ईंट भट्ठों पर खर्च हुए। अब एक तिहाई भट्ठे चलाने के बारे में कहा गया है। यानि एक साल भट्ठा चला तो उसका चौथे साल फिर से चलने में नम्बर आएगा। तब तक मजदूर क्या करेंगे और ईंट भट्ठा मालिक क्या करेंगे। बल्कि सरकार को चाहिए कि एनसीआर के दायरे को कम करें ताकि लोगों को आशियाना बनाने में दिक्कत न हो। जिला खादय एवं आपूर्ति अधिकारी विरेंद्र सिंह ने बताया कि एनजीटी के आदेशों की पालना करते हुए वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए ईंट भट्ठों को लेकर कुछ कदम उठाए जा रहे हैं। एक तिहाई ईंट भट्ठे एनसीआर के पहले वर्ष चलेंगे, जिनका फैसला ड्रा के माध्यम से होगा।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS