रोहतक पीजीआई में दो घंटे ही बनेंगे ओपीडी कार्ड, ऑर्थो-सर्जरी के मरीजों का इलाज पुरानी इमरजेंसी में होगा

रोहतक पीजीआई में दो घंटे ही बनेंगे ओपीडी कार्ड, ऑर्थो-सर्जरी के मरीजों का इलाज पुरानी इमरजेंसी में होगा
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कोरोना वायरस (Corona virus) की स्पीड कंट्रोल करने के लिए हेल्थ यूनिवर्सिटी (Health university) ने बड़ा फैसला लिया है कि बुधवार से चौधरी रणबीर सिंह ओपीडी (OPD) में सुबह 9 से 11 बजे तक ही ओपीडी कार्ड बनेंगे। जो मरीज दूर-दराज यानी दूसरे जिलों या प्रदेशों से आएंगे उनका कार्ड डॉक्टर के कहने पर ही बनेगा।

रोहतक : कोविड की बढ़ती रफ्तार खतरनाक रूप ले रही है। पीजीआई (PGI) में दो दिनों के अंदर ही 9 मरीजों की मौत हो चुकी है। सभी अलग-अलग जिलों के हैं। पीजीआई पहले ही अलर्ट पर है। कोरोना वायरस (Corona virus) की स्पीड कंट्रोल करने के लिए हेल्थ यूनिवर्सिटी ने बड़ा फैसला लिया है कि बुधवार से चौधरी रणबीर सिंह ओपीडी में सुबह 9 से 11 बजे तक ही ओपीडी कार्ड बनेंगे। जो मरीज दूर-दराज यानी दूसरे जिलों या प्रदेशों से आएंगे उनका कार्ड डॉक्टर के कहने पर ही बनेगा। यह भी फैसला लिया गया है कि इसी शुक्रवार से एक बार फिर ट्रॉमा सेंटर को कोविड अस्पताल बना दिया जाएगा। सभी कोविड मरीजों को वहां रखा जाएगा, ताकि ट्रॉमा के अधिक आईसीयू बैड उपलब्ध हो सकें।

सोमवार को पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओपी कालरा ने कोविड से जुड़े सभी विभागों के चिकित्सकों के साथ आपात बैठक की और दिशा-निर्देश दिए। बैठक में डीन एकेडमिक अफेयर डॉ. एसएस लोहचब, प्राचार्य डॉ. संजय तिवारी, नोडल अधिकारी डॉ. वीके कत्याल, डॉ. धू्रव चौधरी, डॉ. एमएस ग्रेवान, कोविड कंट्रोल रूम के इंचार्ज डॉ. वरुण अरोडा, डॉ. हरनीत सिंह समेत कई विभागों के अध्यक्ष शामिल हुए।

कार्ड की संख्या पर जल्द फैसला

ओपीडी में आने वालों के लिए कल से दो घंटे ही कार्ड बनेंगे। लेकिन अभी तक यह निर्णय नहीं लिया है कि कितने कार्ड बनाए जाएंगे। दो घंटे में जितने भी कार्ड बनेंगे उन सभी मरीजों की जांच की जाएगी। संक्रमण ऐसे ही बढ़ता रहा तो कार्ड की संख्या निर्धारित करने का फैसला दो-तीन दिन में ही ले लिया जाएगा।

अब तक 4 जगह रखे जा रहे मरीज

बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि शुक्रवार से ही ओर्थो और सर्जरी के इमरजेंसी केस पहले की तरह पुरानी इमरजेंसी में देख्ेा जाएंगे। फिलहाल कोविड के मरीजों को मोड्यूलर ओटी, डे-केयर, वार्ड-24, वार्ड-25 और वार्ड-26 में रखा जा रहा है, लेकिन दिन-प्रतिदिन मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब ट्रामा सेंटर भी तैयार कर लिया गया है।

स्टाफ तैयार है

बैठक में चिकित्सका अधीक्षक डॉ. पुष्पा दहिया ने कहा कि पीजीआईएमएस का स्टाफ हर आपदा का समाधान करने के लिए तत्पर है, जिस तरह से पहले कोविड आपदा का सामना किया था, इसी तरह अब भी कमर कस ली है। उन्होंने आमजन से अपील की है कि कोविड के केस अचानक ज्यादा बढ़ रहे हैं। इसलिए मॉस्क जरूर पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें, ज्यादा भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में जाने से बचें।

हर रोज करीब 6 हजार मरीज आते हैं

पीजीआई की ओपीडी में हर रोज करीब 6 हजार मरीज आते हैं। लाइन में लगकर कार्ड बनते हैं, दूसरी बारे आने वालों को भी कार्ड पर उस दिन की मुहर लगवाने के लिए लाइन में लगना पड़ता है। इस कारण भीड़ बढ़ जाती है। कार्ड बनवाने के बाद डॉक्टर के कमरे के सामने भी भीड़ होती है। ऐसे में सोशल डिस्टेंस का पालन करना संभव ही नहीं। इसलिए कार्ड बनवाने का समय कुल दो घंटे के लिए तय कर दिया है।

अब इमरजेंसी का बोझ बढ़ेगा

ट्रामा सेंटर को कोविड अस्पताल बना दिया गया है। मरीज पुरानी इमरजेंसी में देखे जाएंगे। इमरजेंसी में करीब 1000-1500 मरीज रोज आते हैं। ऐसे में अब इमरजेंसी पर काम का दबाव बढ़ जाएगा। हालांकि हेल्थ विवि प्रशासन पूरा स्टाफ उपलब्ध करवाएगा और जरूरत पड़ने पर पीजीआई के अन्य बड़े कमरों को भी खोल दिया जाएगा।

सुरक्षा के मद्देनजर उठाए कदम

आपात स्थिति से निपटने के लिए पहले ही तैयार होना होगा, इसके चलते इमरजेंसी बैठक की गई है। सभी अधिकारियों की ड्यूटी तय करकेे दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। ओपीडी में मरीज सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं कर रहे हैं, ऐसे में मरीजों की सुरक्षा को देखते हुए सख्त कदम उठाए गए हैं। कार्ड की संख्या अभी निर्धारित नहीं की गई है। इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।- डॉ. ओपी कालरा, वीसी, हेल्थ यूनिवर्सिटी।

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