विपक्ष का सरकार पर आरोप : मंडियों में बहाने बनाकर किसानों को किया जा रहा परेशान

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश की मंडियों में फैली अव्यवस्था के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल से खरीद का ऐलान करने के बावजूद सरकार ने मंडियों में गेहूं खरीद के लिए उचित व्यवस्था नहीं की। जो किसान अपनी फसल लेकर मंडी में पहुंच रहे हैं उन्हें वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और सर्वर डाउन का बहाना बनाकर परेशान किया जा रहा है। किसानों को कहा जा रहा है कि जिसके पास मैसेज आएगा, उसे ही अपनी फसल मंडी में बेचने के लिए आना है।
हुड्डा ने पूछा कि जिन किसानों की गेहूं कट चुकी है और उनके मैसेज नहीं आया तो वो अपनी गेहूं लेकर कहां जाएगा? अगर किसान फसल काटने के बाद उसे पहले अपने घर और फिर मैसेज आने के बाद मंडी में लेकर जाएगा तो इससे उसकी लेबर और ट्रांसपोर्ट की लागत डबल हो जाएगी। उसपर अतिरिक्त खर्च का बोझ पड़ेगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार की तरफ से किसानों को परेशान करने के लिए इस तरह की प्रक्रिया अपनाई गई है। सरकार को चाहिए कि जो किसान अपनी फसल लेकर मंडी में पहुंच रहे हैं, फौरन उसकी खरीद करे।
दीपेंद्र हुड्डा ने भी लगाए आरोप
राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने रोहतक में कहा कि नमी का बहाना बनाकर किसानों के लिए मुश्किल पैदा करना चाहती है सरकार। हरियाणा में कई जगह पूरी तरह फसल आ चुकी है। लेकिन, सरकार खरीद शुरु होने के समय नये-नये नियम बनाकर मुश्किल पैदा कर रही है। इस साल एफसीआई खरीद के नये नियम लेकर आयी है, जिसके तहत एफसीआई ने नमी का मानक 14 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा फॉरेन पार्टिकल के प्रतिशत को घटाने का काम भी किया है। सरकार फसल खरीद के समय नये-नये नियम बनाने का औचित्य बताए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि 3 कृषि कानूनों के दुष्प्रभाव मंडियों में अब साफ दिखाई देने लगे हैं।
सैलजा बाेलीं : किसानों को संकट में डाला
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष सैलजा ने फसल खरीद को लेकर हरियाणा की भाजपा जजपा सरकार पर किसानों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा फसल खरीद को लेकर लिए गए गलत फैसलों ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। सरकार जमीनी हकीकत को जाने बिना तानाशाही भरे फैसले लेकर किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। सैलजा ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में एक अप्रैल से गेहूं की फसल की खरीद शुरू हो चुकी है। परंतु मंडियों में फसल खरीद की उचित व्यवस्था नहीं की गई है। सरकार द्वारा थोपी गई नई-नई शर्तों ने किसानों को घोर संकट में डाल दिया है।
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