बिजली निगम का बैंक अकाउंट अटैच करने के आदेश, जानें पूरा मामला

गुडग़ांव। निचली अदालत के फैसले को क्रियान्वित न करने पर उपभोक्ता की एग्जक्यिूशन पिटिशन पर सिविल जज विनय काकरान की अदालत ने शुक्रवार को आदेश दिया है कि बिजली निगम के बैंक अकाउंट को अटैच कर दियाजाए। क्योंकि बिजली निगम ने अदालत के उस आदेश का पालन नहीं किया था, जिसमें अदालत ने उपभोक्ता को 65 हजार 594 रुपए की धनराशि 9 प्रतिशत ब्याज की दर से वापिस किए जाने के आदेश दिए थे।
उपभोक्ता के अधिवक्ता क्षितिज मेहता ने बताया कि वर्ष 2013 की 5 जून को राजीव नगर के बदलूराम पर बिजली निगम ने बिजली मीटर की सील टैंपर्ड कर बिजली चोरी करने का आरोप लगाते हुए उस पर 65 हजार 594 का जुर्माना लगा दिया था। कहीं बिजली का कनेक्शन न कट जाए , उपभोक्ता ने जुर्माना राशि का भुगतान भी बिजली निगम को कर दिया था। उपभोक्ता ने अदालत में बिजली निगम के खिलाफ दावा दायर कर दिया था। इसी वर्ष 16 मार्च को तत्कालीन सिविल जज सुयाषा जावा की अदालत ने बिजली निगम के आरोपों को खारिज करते हुए निगम को आदेश दिया था कि जुर्माना राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को वापिस की जाए लेकिन बिजली निगम ने ऐसा नहीं किया।
जिस पर उपभोक्ता ने एग्जक्यिूशन पिटिशन अदालत में दायर कर दी थी। जिस पर अदालत ने फैसला सुना दिया है कि बिजली निगम का बैंक अकाउंट अटैच किया जाए। अधिवक्ता का कहना है कि इससे पहले भी बिजली निगम का बैंक अकाउंट अटैच करने के आदेश विभन्नि अदालतों द्वारा दिए जा चुके हैं। उपभोक्ता अब बिजली निगम पर ह्रासमेंट का केस भी दर्ज करने की तैयारी में है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS