बीमा कंपनी को एक करोड़ बीस लाख रुपये क्लेम देने के आदेश, जानें क्यों

हरिभूमि न्यूज : रोहतक
तीन साल पहले सोनीपत की नहर में डूबने से मरे तीन दोस्तों को जिला अदालत से न्याय मिल गया। सेशन जज एएस नारंग की अदालत ने बीमा कम्पनी को मृतकों को एक करोड़ 20 लाख मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। हालांकि एक मृतक के परिजनों ने केस दायर नहीं किया था। इस दर्दनाक हादसे में एक की जान बच गई थी जबकि चार दोस्तों की मौत हुई थी।
जनवरी 2018 में सांपला निवासी हितेश, सौरभ, रोहित, चिराग व लक्ष्य मुरथल ढाबे में हितेश के सीए बनने की खुशी में पार्टी करने के लिए गए थे। जब वह रोहद कैनाल के पास पहुंचे तो सौरभ गाड़ी बड़ी स्पीड व लापरवाही से चला रहा था। पुल पर तेज रफ्तार के कारण गाड़ी कंट्रोल नहीं कर सका और गाड़ी पुल पर बनी दीवार को तोड़ते हुए नहर में गिर गई। इस हादसे में हितेश, रोहित, लक्ष्य व सौरभ की नहर में डूबने से मृत्यु हो गई जबकि चिराग किसी तरह बच गया था। तब चिराग के बयान पर पुलिस ने केस दर्ज किया था। लक्ष्य का शव उसी रोज गाड़ी से बरामद हो गया था लेकिन तीनों युवकों के शव पानी में बह गए थे। तीन दिनों के बाद नहर का पानी रोक कर उनके शव बरामद किए गए थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी परिवारों को सांत्वना देने पहुंचे थे।
याचिका दायर की थी
हितेश, लक्ष्य व रोहित के परिजनों ने अधिवक्ता विनोद पाहवा व तुषार पाहवा के माध्यम से वाहन दुर्घटना अधिनियम के तहत मुआवजे के लिए न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई पूरी होने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एएस नारंग ने बीमा कम्पनी को तीनों मृतको के परिजनों को एक करोड़ 20 लाख मुआवजा देने का आदेश सुनाया।
मिलेगा मुआवजा
हितेश, लक्ष्य व रोहित के परिजनों की तरफ से केस दायर किया गया था। सौरभ के परिजनों ने केस दायर नहीं किया। तीनों मृतकों के परिजनों को एक करोड़ 20 लाख का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। -विनोद पाहवा, अधिवक्ता शिकायत पक्ष
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