अवैध शराब का संगठित कारोबार, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, यूपी व चंड़ीगढ़ तक फैला, अब तक 20 आरोपितों की गिरफ्तारी

अवैध शराब का संगठित कारोबार, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, यूपी व चंड़ीगढ़ तक फैला, अब तक 20 आरोपितों की गिरफ्तारी
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यह गिरोह अवैध शराब के डिफेंस के नकली लेबल चिपकाकर बेचने का भी काम करते थे। आरोप है कि गिरोह के लोग चंडीगढ़ बोटलिंग प्लांट से अवैध शराब कन्टैनर में भरकर गुजरात, मेरठ व देहरादून सप्लाई की जानी व मानेसर गुरुग्राम में अवैध शराब पर नकली लेबल लगाकर मेरठ, देहरादून सप्लाई की जानी पाई गई। पुलिस की अभी मामले में जांच जारी है।

नारनौल। अवैध शराब का संगठित कारोबार कई प्रदेशों में फैला है। अभी तक सीआईए पुलिस 20 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, यूपी व चंडीगढ़ के आरोपित शामिल है। यह गिरोह अवैध शराब के डिफेंस के नकली लेबल चिपकाकर बेचने का भी काम करते थे। आरोप है कि गिरोह के लोग चंडीगढ़ बोटलिंग प्लांट से अवैध शराब कन्टैनर में भरकर गुजरात, मेरठ व देहरादून सप्लाई की जानी व मानेसर गुरुग्राम में अवैध शराब पर नकली लेबल लगाकर मेरठ, देहरादून सप्लाई की जानी पाई गई। पुलिस की अभी मामले में जांच जारी है।

आपको बताते चले कि 18 दिसंबर 2020 को सीआईए नारनौल टीम को गुप्ता सूचना मिली कि एक अवैध शराब से भरा कन्टैनर गाड़ी नं जीजे-16बीवी-1899 है, जो नेशनल हाइवे 152-डी से होते हुए चंडीगढ़ से गुजरात जा रही हैं। सीआईए टीम ने गांव जाट गुवाना टोल के पास नाकाबन्दी की और इस कन्टैनर को रोका। फिर चैक किया तो उसमें 1023 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब बरामद हुई। इसमें कई मार्का मिले। जिन पर कोई लेबल नही लगा हुआ था। गाड़ी के कागजात को चैक किया गया तो गाड़ी के सामान की बिल्टी फर्जी बनाई हुई थी। गाड़ी 10 वर्ष पुरानी हो चुकी थी। जिसकी एनओसी गुजरात में अहमदाबाद से बनवाई हुई थी। जिस पर थाना सदर नारनौल ने मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच आरंभ की। इसी मामले में रविवार पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण मीडिया से रूबरू हुए और अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त आरोपितों का खुलासा किया।

गिरोह का जाल कई प्रदेशों में फैला, इस तरह बढ़ी आगे जांच

- गाड़ी चालक देवेन्द्र उर्फ टिल्लु व साथी गौरव वासी सेका थाना सदर नारनौल को गिरफ्तार किया गया था। देवेन्द्र उर्फ टिल्लु से पूछताछ के दौरान सामने आया कि वह पहले भी चार-पांच बार इस कन्टैनर गाड़ी से अवैध शराब को गुजरात में पहुंचा चुका है। जिसकी एवज में वह दो लाख रुपये लेता था। इस बार उसे 1.50 लाख रुपये मिलने थे। अन्य आरोपितों की संलिप्ता के बारे में पूछताछ की गई।

- 21 दिसंबर 2022 को तीन आरोपितों सतेन्द्र भंडारी, दीपक गुलिया व प्रिन्सपाल को गिरफ्तार किया गया। जो वर्ष 2013 से शराब का धंधा करते थे। आरोपित सतेन्द्र भंडारी आरोपित दीपक गुलिया के एल-वन के काम को देखता था। आरोपित दीपक गुलिया ने यमुनानगर में एल-वन व एल-13 में हिस्सेदारी तथा चंडीगढ़ में फेज में एक शराब का ठेका ले रखा था। आरोपित प्रिन्सपाल इनके साथ मिलकर अवैध शराब की गाडि़यों को भरवाता था।

- मानेसर सैक्टर-वन के एक मकान को आरोपितों ने अपना गोदाम बना रखा था, जिसकी सर्च वारण्ट लेकर 21 दिसंबर 2022 को ही तलाशी ली गई। गोदाम से 106 पेटी अवैध अग्रेंजी शराब व अवैध शराब के लेबल बरामद किए गए थे। गोदाम से बरामद न्यूपोर्ट मार्का अवैध शराब के बारे में चंडीगढ़ आबकारी विभाग से पता किया गया। आबकारी विभाग ने यह शराब संचेयती शराब बोटलिंग फैक्ट्ररी से बनी बतलाई तथा अन्य मार्का रॉयल स्टैग इत्यादि बारे अम्बाला आबकारी विभाग ने बताया कि ये शराब की पेटियां लेक फोरेस्ट वाइन गुरुग्राम के द्वारा बेची गई हैं।

- चार जनवरी 2023 को राधे कृष्ण उर्फ राधे आरोपित को गिरफ्तार किया गया, जिसने मानेसर गोदाम किराए पर ले रखा था। जहां आरोपित अवैध शराब की लेबलिंग करते थे।

- 18 जनवरी 2023 को मुकदमा में संचेयती बोटलिंग प्लांट चंड़ीगढ़ के डायरेक्टर संजय कुमार को गिरफ्तार किया। संजय कुमार गौरव शर्मा का ड्राईवर था, जिसको संचेयती बोटलिंग कम्पनी का डारेयक्टर बनाया हुआ था।

- दो दिन बाद 20 जनवरी को मामले में आरोपित अंकुर शर्मा, अनिल कुमार व सौरव कुमार वासियान दिल्ली को मामले में संलिप्ता पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने पता लगाया कि अंकुर शर्मा संचेयती व क्युविन शराब फैक्ट्ररी में मैनेजर का काम करता था। अनिल कुमार क्युविन फैक्ट्ररी के अकाउंट का काम करता था व सौरव कुमार क्युविन शराब फैक्ट्ररी का डायरेक्टर था।

- 27 जनवरी को आरोपितों सुधीर उर्फ प्रिंस वासी मंढाणा, मन्जीत उर्फ मोटा वासी कादीपुरी को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि यह मानेसर गोदाम पर लेक फोरेस्ट वाइन से अवैध शराब गोदाम पर ले जाते थे तथा लेबलिंग करते थे। जिन्होंने पूछताछ में बताया कि शराब की बोतलों के लेबल बदलकर हम पंकज गोयल उर्फ सोनु बनिया को बेचते थे।

- 30 जनवरी को संचेयती बोटलिंग प्लांट के असल मालिक नीरज पुण्डीर उर्फ राजा को गिरफ्तार किया गया। नीरज पुण्डीर व गौरव शर्मा मिलकर ज्यादा मुनाफे के लिए आबकारी विभाग में आबकारी ड्यूटी भरे बिना अवैध शराब को निकलवाते थे तथा अवैध शराब के लिए लेबल बनवाता था।

-सात फरवरी को लेक फोरेस्ट वाइन से संबंधित आरोपितों सुरेन्द्र वासी सुडाणा व राजन गांधी वासी गुरुग्राम को गिरफ्तार किया गया। सुरेन्द्र व राजन गांधी लेक फोरेस्ट वाईन के डारेयक्टर थे और लेक फोरेस्ट वाइन से अवैध शराब को निकालते थे।

- 12 अप्रैल को पंकज गोयल उर्फ सोनू बनिया वासी मेरठ के द्वारा अवैध शराब की सप्लाई मेरठ में करने की संलिप्ता पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया। पंकज गोयल रॉयल स्टैग शराब की पेटी को 4900 रुपये में मेरठ व देहरादून में भगवन्त वशिष्ठ, अंकित व सुमित को बेचता था। भगवन्त वशिष्ठ, अंकित व सुमित रॉयल स्टैग शराब की पेटी को छह हजार रुपये में बेचते थे।

- 14 अप्रैल को अंकित व सुनित उर्फ सुमीत के द्वारा अवैध शराब के देहरादून पहुंचने पर अवैध शराब को लेकर सप्लाई करने में संलिप्ता पाई जाने पर गिरफ्तार किया गया।

- 15 अप्रैल को संचेयती बोटलिंग प्लांट चंडीगढ़ में पार्टनर गौरव शर्मा माननीय अदालत से बेल होने पर मुकदमा में शामिल तफ्तीश करके माननीय अदालत के आदेश अनुसार फारिग किया गया।

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