लिव इन में रह रहे प्रेमी जोड़े ने मांगी सुरक्षा, हाईकोर्ट ने केंद्र सहित हरियाणा व पंजाब सरकार से मांगा जवाब

चंडीगढ़। प्रेमी जोड़े की सुरक्षा से जुड़े एक मामले में सुनवाई के दौरान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिका का दायरा बढ़ाते हुए कहा कि वयस्कता अधिनियम 150 साल पुराना है और ऐसे में यह देखना जरूरी है कि क्या वयस्कता की आयु में संशोधन की जरूरत है। हाईकोर्ट ने इस मामले में अब केंद्र सरकार सहित हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। पंचकूला के लड़के और चंडीगढ़ की लड़की ने सहमति संबंध (लिव इन) में रहने की बात कहते हुए हाईकोर्ट से सुरक्षा की मांग की थी। हाईकोर्ट के आदेश पर पंचकूला के एसीपी ने इस मामले में लड़की के दस्तावेजों की जांच की और बताया कि दोनों बालिग हैं।
लड़की की आयु 19 वर्ष से कुछ कम है और लड़के की आयु 21 वर्ष से कुछ कम। हाईकोर्ट ने कहा कि भारतीय वयस्कता अधिनियम अब 150 साल पुराना हो चुका है। जब यह अधिनियम बनाया गया था तब की स्थिति और अब की स्थिति में बहुत फर्क है। आज की तिथि में 20 साल तक के युवा तो अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे होते हैं, जबकि जब यह एक्ट बना था तब स्थिति ऐसी नहीं थी। ऐसे में अब यह जरूरी हो गया है कि एक बार फिर से वयस्कता की आयु पर विचार किया जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि लगातार प्रेमी जोड़ों की आती याचिकाओं के कारण इस सवाल का जवाब और भी अधिक जरूरी हो जाता है। ऐसे में हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र, हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ को प्रतिवादी बना लिया है और इस सवाल पर जवाब मांगा है। साथ ही पूछा है कि क्या वयस्कता की आयु को लेकर संशोधन की उनकी कोई योजना है। संशोधन करना या न करना यह विधायिका के हाथ में है। लेकिन यहां सरकार की प्रतिक्रिया प्राप्त करना जरूरी हो गया है।
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