ऑक्सन रिकार्डर को चार साल की कैद और जुर्माना, जानें क्यों

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश देविंद्र सिंह की अदालत ने रिश्वत मांगने के आरोपित मार्केट कमेटी के ऑक्सन रिकॉर्डर को दोषी करार दिया है। अदालत ने उसे चार साल की कैद व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर छह माह अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।
गन्नौर के शास्त्री नगर निवासी धीर सिंह ने 1 मई, 2018 को रोहतक विजिलेंस में इंस्पेक्टर को शिकायत दी थी कि वह मंडी में आढ़त का काम करते हैं। मार्केट कमेटी का रिकॉर्डर उसके खरीदे गेहूं को बाहर से आया बता कर रिकॉर्ड में दर्ज करने से इंकार कर रहा है। बाद में रिकॉर्डर ने गेहूं को रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए उससे पांच हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने पर विजिलेंस ने तत्कालीन इंस्पेक्टर मनोज के नेतृत्व में गठित टीम ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट तत्कालीन डीडीपीओ को साथ लेकर कार्रवाई की थी। टीम ने शिकायतकर्ता को पांच हजार रुपये देकर रिकॉर्डर के पास भेजा था। जब रिकॉर्डर को राशि देकर आढ़ती ने इशारा किया था तो टीम ने तुरंत कार्रवाई कर रिकॉर्डर कंवल सिंह को पांच हजार रुपये सहित काबू कर लिया था।
मामले की सुनवाई करते हुए एएसजे देविंद्र सिंह की अदालत ने अब ऑक्सन रिकॉर्डर को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को 7 पीसी एक्ट में चार साल की कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना तथा 13 पीसी एक्ट में भी चार साल की कैद व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर छह माह अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।
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