प्रशासन के लिए चुनौती बना ऑक्सीजन की आपूर्ति

प्रशासन के लिए चुनौती बना ऑक्सीजन की आपूर्ति
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स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के सामने ऑक्सीजन की व्यवस्था को लेकर दो-दो चुनौतियां हैं। पहली ऑक्सीजन की आपूर्ति और दूसरी ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी रोक कर उन्हें सुरक्षित जगह पहुंचाना। एसडीएम हितेंद्र शर्मा सभी अस्पतालों में नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निरंतर निरीक्षण भी कर रहे हैं।

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़

कोविड के बढ़ते मरीजों के उपचार में सबसे ज्यादा संजीवनी के रूप में ऑक्सीजन काम आ रही है। सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में लगातार बढ़ती मरीजों की संख्या के कारण ऑक्सीजन की व्यवस्था करना भी प्रशासन के लिए एक चुनौती बन रहा है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के सामने ऑक्सीजन की व्यवस्था को लेकर दो-दो चुनौतियां हैं। पहली ऑक्सीजन की आपूर्ति और दूसरी ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी रोक कर उन्हें सुरक्षित जगह पहुंचाना। एसडीएम हितेंद्र शर्मा सभी अस्पतालों में नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निरंतर निरीक्षण भी कर रहे हैं।

ऑक्सीजन को लेकर भी बहादुरगढ़-झज्जर में भी मारामारी की स्थिति बन रही है। झज्जर जिले में प्रतिदिन 5 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। बता दें कि शुक्रवार को जिले के विभिन्न अस्पतालों में 417 कोरोना संक्रमित लोगों को आक्सिजन बैड पर रखा गया था। जिला प्रशासन द्वारा शुक्रवार सुबह 8 बजे से सायं 8 बजे तक सभी अस्पतालों में 614 आक्सिजन सिलेंडर की आपूर्ति की गई। वहीं शुक्रवार रात आठ बजे से शनिवार सुबह 8 बजे तक जिले के सभी अस्पतालों में कुल 168 सिलेंडर दिए गए।

शुक्रवार को जिले के विभिन्न अस्पतालों में 468 कोरोना संक्रमित लोगों को आक्सिजन बैड पर रखा गया था। शनिवार को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक जिले के अस्पतालों में कुल 480 आक्सिजन सिलेंडर उपलब्ध कराए गए। जबकि शनिवार रात 8 बजे से रविवार सुबह 8 बजे तक 406 ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की गई। झज्जर जिला प्रशासन द्वारा रविवार सुबह 8 बजे से रविवार सायं 8 बजे तक 468 कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए कुल 503 ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की गई। एसडीएम हितेंद्र शर्मा के अनुसार ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी रोगी की मौत न हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ पूरा प्रशासन जुटा हुआ है।

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