Paddy Rate : धान के अच्छे दाम मिलने से किसानों की बल्ले-बल्ले, 4 हजार के करीब पहुंचे रेट

Paddy Rate : धान के अच्छे दाम मिलने से किसानों की बल्ले-बल्ले, 4 हजार के करीब पहुंचे रेट
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इस बार प्रति एकड़ धान की 70 मन पैदावार की औसत होने से किसान को 1 लाख रुपये प्रति एकड़ से अधिक आय की उम्मीद बढ़ी है। इससे किसानों के साथ-साथ व्यापारियों के चेहरे भी खिले हुए हैं।

फतेहाबाद। इस बार बासमती धान के अच्छे दाम मिलने व प्रति एकड़ अच्छी पैदावार से किसानों की बल्ले-बल्ले हो रही है। शनिवार से फतेहाबाद व टोहाना की अनाज मण्डी में 1509 वैरायटी के धान की आवक शुरू हो गई। शनिवार को इसके भाव 3700 रुपये प्रति क्विंटल रहे, जोकि शुरूआती दौर में अब तक के सबसे ज्यादा भाव हैं। इतना ही नहीं, इस बार प्रति एकड़ धान की 70 मन पैदावार की औसत होने से किसान को 1 लाख रुपये प्रति एकड़ से अधिक आय की उम्मीद बढ़ी है। इससे किसानों के साथ-साथ व्यापारियों के चेहरे भी खिले हुए हैं।

फतेहाबाद में इस बार 66 हजार हैक्टेयर में बासमति व 65 हजार हैक्टेयर भूमि में परमल धान की बिजाई हुई थी। अब धान पककर मण्डियों में आना शुरू हो गया है। शनिवार को 1509 किस्म के धान की कीमत फतेहाबाद अनाज मण्डी में 3600 रुपये थी जबकि टोहाना में यह धान 3700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बिका, जोकि अब तक का रिकार्ड भाव है। बता दें कि धान के सीजन में सबसे पहले 1509, उसके बाद 1121 व परमल धान की आवक होती है। सरकार की ओर से केवल परमल धान की ही खरीद की जाती है, जिसका न्यूनतम समर्थन मूल्य इस बार 2060 है जबकि बीते वर्ष यह 1960 रुपये प्रति क्विंटल था। इसके अलावा मुच्छल धान की भी काफी डिमांड है।

बीते वर्ष 1509 धान के भाव 4 हजार तक पहुंच गए थे लेकिन इसका फायदा किसानों को न होकर व्यापारियों को हुआ था। वजह था, जब सितम्बर माह में धान की आवक हुई, तब उसका भाव 2800 से 3100 रुपये तक था। किसानों ने धान की सारी फसल इसी रेट पर मण्डियों में बेच दी। व्यापारियों ने इसका स्टॉक कर लिया। दिसम्बर-जनवरी महीने में इस धान के भाव बढ़ने शुरू हो गए। मार्च 2022 में इस धान के भाव 4 हजार से भी ऊपर हो गए लेकिन इसका फायदा किसान को न होकर व्यापारियों को हुआ। इस बार स्थिति इसके विपरीत है। अब धान की आवक शुरू होते ही 1509 किस्म के धान के भाव 3700 तक पहुंच गए, जिसके अभी और बढ़ने की उम्मीद है।

डुप्लीकेट बासमती के भी मिल रहे अच्छे दाम

बासमती के बाद क्षेत्र में 1509, 1121 व मुच्छल धान की डिमांड है। इसे डुप्लीकेट बासमती का नाम दिया गया है। बताया गया है कि व्यापारी लोग इसे बासमती धान में मिलावट कर बेचते हैं, जिस कारण इसके दाम ज्यादा मिलते हैं। इसका साइज बासमती के बराबर होने से खरीददारों को इसकी भनक नहीं लगती।

22 देशों में महकती है फतेहाबाद के चावलों की महक

प्रदेश के प्रमुख एक्सपोर्टरों में शामिल जिंदल इंडस्ट्रीज फतेहाबाद की मण्डियों में 1509 व 1121 धान की खरीद करती है। वह इस धान का चावल विदेशों में निर्यात करती है। जिंदल इंस्डट्रीज का माल यहां से 22 देशों खासकर खाड़ी देशों व मिडल ईस्ट देशों में एक्सपोर्ट होता है। इस फर्म का नाम पूरे अरब देशों में विख्यात है। फतेहाबाद में धान की आवक शुरू हो गई है। शुरूआत में ही किसान को 3500 रुपये से ऊपर के भाव मिल रहे हैं जोकि एक अच्छे संकेत है। मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर धान का पंजीकरण शुरू हो गया है। किसान कभी भी मण्डियों में धान ला सकते हैं। - विकास सेतिया, सचिव मार्किट कमेटी फतेहाबाद

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