जींद नागरिक अस्पताल में दवा के साथ मिल रहा दर्द, ओपीडी पर्ची बनवाने के लिए लग रहे घंटों

जींद। जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में उपचार, दवा के साथ मरीजों व उनके तिमारदारों को दर्द भी मिल रहा है। अस्पताल में ओपीडी पर्ची कटवाने में ही घंटों लग रहे हैं। सुबह होते ही मरीज पर्ची काउंटर के सामने लंबी लाइन लगा लेते हैं। ओपीडी पर्ची में मरीज का पूरा विवरण ऑनलाइन दर्ज किए जाने के चलते ऑपरेटर को काफी समय लग रहा है। जिसके चलते मरीजों व उनके तिमारदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। दिनभर नागरिक अस्पताल की नई बिल्डिंग में ओपीडी काउंटर पर ओपीडी स्लिप बनवाने के लिए लोगों की लंबी लाइनें लगी रही। इस पर लोगों ने इस बारे में स्वास्थ्य अधिकारियों से शिकायत भी की। नागरिक अस्पताल में ओपीडी पर्ची बनवाने के लिए लग रहे घंटों
ओपीडी पर्ची पर एक बार मरीज का विवरण दर्ज हो गया तो उसे दोबारा कुछ भी बताने की जरूरत नहीं रहती है। इसका फायदा यह होता है कि मरीज जब भी अस्पताल आए तो उसे अपनी मेडिकल हिस्ट्री दोबारा न बतानी पड़े। यह पर्ची कुछ के लिए फ्री होती है तो कुछ को पांच रुपये देने होते हैं। यह पर्ची मरीज के लिए एक वर्ष तक काम करती है लेकिन जानकारी न होने के बावजूद हर बार लोग दोबारा से पर्ची कटवाते हैं जबकि ऑनलाइन रिकार्ड दर्ज होने के बावजूद एक साल तक ओपीडी पर्ची के रुपये देने नहीं होते हैं। पर्ची पर पूरा विवरण दर्ज होने के चलते दो से पांच मिनट का समय लगता है। जिससे मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती है।
पहले लगे ओपीडी पर्ची के लिए लाइन में, फिर डाक्टर के कमरे के बाहर, फिर दवा के लिए
नागरिक अस्पताल में उपचार के लिए आए कुलदीप, विजेंद्र, प्रदीप, राकेश, सोनिया ने बताया कि वो सुबह ही अस्पताल पहंुच गए थे। पहले ओपीडी स्लिप के लिए उन्हें डेढ़ घंटे तक लाइन में लग इंतजार करना पड़ा। ओपीडी स्लिप मिलने के बाद वो चिकित्सक के कमरे के बाहर भी लाइन में लग गए। यहां उपचार मिलने के बाद चिकित्सक ने जो दवा लिखी उसे लेने के लिए जब वो दवा खिड़की पर पहुंचे तो वहां भी लाइन में लगे। जिसके चलते उनका पूरा दिन अस्पताल में ही लग गया।
सोमवार को ओपीडी पहुंच जाती है 1600 तक
जिला नागरिक अस्पताल 200 बैड का है। सोमवार को अस्पताल में सबसे ज्यादा भीड़ रहती है और ओपीडी 1400 से 1600 तक पहुंच जाती है। जबकि अन्य दिनों में ओपीडी 900 के आसपास प्रतिदिन रहती है। सुबह सात बजे ही मरीज अस्पताल में पहुंचना शुरू हो जाते हैं। ऐसे में जैसे ही पर्ची काउंटर पर आप्रेटर आते हैं तो पर्ची काटनी शुरू कर दी जाती है। सोमवार को अस्पताल में मरीजों की भारी भीड उमड़ी तो पहले से मौजूद चार आप्रेटरों का हाथ बटाने के लिए तीन और कंप्यूटर आप्रेटरों की अतिरिक्त व्यवस्था की गई।
अतिरिक्त तीन ऑपरेटर को लगा व्यवस्था बनाने का किया काम : डा. भोला
नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने बताया कि ओपीडी पर्ची में मरीज का पूरा विवरण दर्ज करने के आदेश हैं। इसके अलावा एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे, आयुष्मान कार्ड धारक, हरियाणा के बीपीएल, एएवाई राशन कार्ड धारक, प्रसव पूर्व महिलाओं की 42 दिन बाद तक मुफ्त पर्ची बनती हैं। राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लाभार्थी आरबीएसके, डीईआईसी की पर्ची फ्री बनती है। घरेलू हिंसा, यौन उत्पीडन उत्तरजीवियों की पर्ची मुफ्त बनाई जाती है। बंदियों का/न्यायालय के आदेशानुसार/पुलिस अभिरक्षा में आए व्यकितयों की पर्ची मुफ्त बनती है। स्वतंत्रता सेनानियों की पर्ची मुफ्त बनती है। अस्पताल में एक बार ओपीडी पर्ची बनवाए जाने पर पूरे वर्ष के लिए यह पर्ची काम करती है। मरीजों की भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त तीन आप्रेटरों को लगा व्यवस्था बनाने का किया काम किया गया है।
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