लव-मैरिज का तीन माह में ही दर्दनाक अंत : पति ने लगाई फांसी तो अगले दिन पत्नी ने भी दे दी जान, सुसाइड नाेट में लिखा...

लव-मैरिज का तीन माह में ही दर्दनाक अंत : पति ने लगाई फांसी तो अगले दिन पत्नी ने भी दे दी जान, सुसाइड नाेट में लिखा...
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लव-मैरिज कर रह रहे प्रेमी जोड़े में हुई अनबन के चलते 11 जुलाई को मोहन ने खेत में फांसी लगा ली वहीं 12 जुलाई को युवती ने भी किराये के कमरे में पंखे से लटककर जान दे दी। युवती के पास से सुसाइड नोट प्राप्त हुआ है।

नरेश पंवार. कैथल

तीन माह पूर्व अपने परिजनों के खिलाफ घर से भागकर लव-मैरिज करने वाले मोहन व नेहा (काल्पनिक नाम) ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनकी लव स्टोरी तीन माह में समाप्त हो जाएगी तथा इसकी कीमत उन्हें जान देकर चुकानी पड़ेगी। कैथल की एक कालोनी में हुई एक लव स्टोरी में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। लव-मैरिज कर रह रहे प्रेमी जोड़े में हुई आपसी अनबन के चलते जहां 11 जुलाई को मोहन ने खेत में बने कमरे में फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली तो वहीं 12 जुलाई को युवती ने भी किराये के कमरे में पंखे की हूक से लटककर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। युवती के पास से एक सुसाइड नोट प्राप्त हुआ है। इसमें युवती ने लिखा है कि सुशील मेरा भाई नहीं बल्कि पति था। मैं उसके बिना नहीं रह सकती। उसने मोबाइल का पासवर्ड तथा परिजनों को मोबाइल नंबर भी लिखा। उसने यह भी लिखा है कि वह अपनी मर्जी से फांसी ले रही है तथा इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। पुलिस बाद में उसके परिजनों को परेशान न करे।

कई व्यक्तियों को वे भाई-बहन बताते थे

प्राप्त जानकारी के अनुसार कैथल की एक कालोनी में रहने वाले युवक मोहन को एक गांव की युवती नेहा (काल्पनिक नाम ) से प्यार हो गया। धीरे-धीरे प्यार इतना बढ़ गया कि दोनों ने साथ रहने का मन बना लिया। बाद में बात शादी तक पहुंच गई। इस शादी के लिए दोनों की अलग-अलग जाति होने के कारण परिजन बीच में आ गए। लेकिन उनके बीच प्यार इतना बढ़ गया था कि उन्होंने परिजनों की भी कोई परवाह नहीं की। करीब तीन माह पूर्व नेहा अपने परिजनों को छोड़कर घर से भागकर शहर में मोहन के पास आ गई तथा शहर की एक कालोनी में कमरा किराये पर लेकर मोहन के साथ रहने लगी। हालांकि दोनों प्रेमी थे लेकिन कई व्यक्तियों को वे भाई-बहन भी बताते थे। करीब तीन माह तक उनकी जोड़ी ठीक तरह से चलती रही लेकिन बाद में उनके बीच अनबन रहने लगी। कुछ दिन पूर्व यह अनबन इतनी बढ़ गई कि सात जन्म तक साथ रहने की कस्में भी दम तोड़ गई। बात ज्यादा बढ़ते देख मोहन ने 11 जुलाई को खुराना गांव के खेतों में बने एक कमरे में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। बाद में परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

सुसाइड नोट लिखा

मोहन के बिना अब नेहा भी अकेली पड़ गई तथा बिना परिवार के साथ वह भी अंदर से टूट गई। 11 जुलाई की रात को ही जैसे ही नेहा ने मोहन द्वारा आत्महत्या किए जाने का पता चला तो उसने भी अपने कमरे में पंखे की हूक से लटककर जान दे दी। आसपास के लोगों ने जब कमरे से कोई आवाज नहीं आई तो पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही थाना शहर पुलिस मौके पर पहुंची और युवती के शव को रस्सी से उतारकर उसे नागरिक अस्पताल भिजवाया। नेहा ने अपने पास एक सुसाइड नोट भी छोड़ा। सुसाइड नोट में नेहा ने लिखा है कि मोहन उसका भाई नहीं बल्कि पति था। वह अपनी मर्जी से फांसी लगा रही है, इसमें किसी का कोई कसूर नहीं है। उसने अपने मोबाइल का पासवर्ड भी लिखा था ताकि उसकी मौत के बाद उसके परिजनों को सूचित किया जा सके। थाना शहर प्रभारी शिव कुमार ने बताया कि शहर की एक कालोनी से युवती द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने की सूचना मिली थी। पुलिस ने शव को उतारकर पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल भिजवा दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा उसके परिजनों को सौप दिया।

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