पंचों ने उपायुक्त को ज्ञापन भेजकर विधायक को पंचायत का चार्ज सौंपने की लगाई गुहार

Mahendragarh-Narnaul News : भुंगारका के पंचों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर पंचायत का चार्ज हलका विधायक डा. अभय सिंह यादव को सौंपने की गुहार लगाई है। उन्होंने विधायक पर निलंबित सरपंच को पुन बहाली की प्रक्रिया में रूकावट डालने का आरोप लगाया है। जिस कारण गांव के विकास कार्य ठप होने के साथ विद्यार्थियों को विभिन्न प्रमाण पत्र बनवाने में परेशानी हो रही है। विधायक को पंचायती चार्ज मिलने पर विकास कार्यों को रफ्तार मिल सकेगी।
पंचों ने बताया कि सरकार ने पत्र जारी करके पंचायतों को सभी अवैध कब्जे हटवाने के निर्देश दिए थे। विभागीय निर्देशों के मुताबिक सरपंच ने ग्रामीणों की आपसी सहमति से करीब 90 एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त करवाया था। गांव के कुछ नामजद लोगों ने पंचायत के लगभग 70 फीट रकबे पर अवैध पक्का निर्माण कर रखा था। पंचायती नोटिस और पैमाईश प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरपंच ने विभागीय अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी थी। उसी रिपोर्ट के आधार पर बीडीपीओ की मौजूदगी में पुलिस प्रशासन की मदद से अवैध कब्जा हटाया गया था। खाली जमीन पर नींव खुदाई के दौरान कब्जाधारी रहे नामजद लोग तथा सरपंच के बीच झगड़ा हो गया था। पुलिस ने केस दर्ज करके सरपंच को जेल में डाल दिया, जिसकी रिपोर्ट मिलने पर उपायुक्त ने सरपंच को निलंबित कर दिया था। हाईकोर्ट से आठ नवंबर को जमानत मिलने के बाद सरपंच जेल से बाहर आ गए हैं। उन्होंने पुन बहाली के लिए उपायुक्त आवेदन भी दे दिया है, लेकिन उपायुक्त ने अभी तक सरपंच को बहाल नहीं किया है। इसके पीछे हलका विधायक का हस्तक्षेप है, क्योंकि पिछले कार्यकाल में विधायक समर्थक रहे सरपंच जगत सिंह डस्टबिन घोटाले, पंचों के फर्जी हस्ताक्षरों के आरोप में जेल गए थे। गिरफ्तारी की रिपोर्ट मिलने पर तत्कालीन जिला उपायुक्त ने आरोपित सरपंच को निलंबित कर दिया था। विधायक की सिफारिश पर तत्कालीन निलंबित सरपंच को तुरंत बहाल कर दिया था। जबकी उसके ऊपर पंचायत फंड का गबन करने का चार्ज था। दूसरी ओर वर्तमान सरपंच पंचायती संपत्ति की सुरक्षा करने के विवाद में जेल गए हैं। बावजूद इनकी बहाली में विलंब होना न्यायसंगत नहीं है। गुस्साए पंचायत के सभी 15 पंचों ने एकजुट होकर उपायुक्त को ज्ञापन भेजा है।
विभाग की बैठक बहिष्कार कर चुके पंच, चार्ज लेने से इंकार
सरपंच को निलंबित करने के बाद उपायुक्त ने बहुमत पक्ष वाले पंच को चार्ज सौंपने के निर्देश दिए थे। इसके बाद बीडीपीओ कार्यालय ने पंचों को एजेंडा देकर पांच बैठक बुलाई थी, लेकिन 15 में से एक भी पंच बैठक में नहीं पहुंचा। पंचों का कहना है कि सरपंच पूरी तरह निदार्ेष है। अब जमानत पर जेल से बाहर भी आ चुके हैं। इसलिए सरपंच को तुरंत बहाल किया जाए, ताकि गांव की विभिन्न समस्याओं का समाधान हो सकें।
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