Panchayat Election : डीएसपी की पत्नी लड़ रही सरपंच का चुनाव, अफसर पति और दो देवर कर रहे प्रचार

Panchayat Election : डीएसपी की पत्नी लड़ रही सरपंच का चुनाव, अफसर पति और दो देवर कर रहे प्रचार
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सरपंच पद की दूसरी प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि यह तीनों सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद कई दिनों से गांव में ही डेरा डालकर मतदाताओं पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी

रेवाड़ी के मीरपुर गांव में हरियाणा पुलिस में डीएसपी के पद पर कार्यरत जयप्रकाश की पत्नी संजू यादव सरपंच पद का चुनाव लड़ रही है। संजू यादव के ससुर वेदप्रकाश ठेकेदार केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के खास समर्थकों में शुमार हैं। उनके एक देवर सतप्रकाश मार्केटिंग बोर्ड में डीएमई और दूसरे रिकॉर्ड कीपर हैं। सरपंच पद की दूसरी प्रत्याशी बबीता देवी ने आरोप लगाया है कि यह तीनों सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद कई दिनों से गांव में ही डेरा डालकर मतदाताओं पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। पूर्व में की गई शिकायत के बावजूद चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया है।

जिला निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में बबीता ने बताया कि उन्होंने निर्वाचन आयोग को 26 अक्टूबर को पत्र लिखकर बताया था कि उनके सामने चुनाव लड़ रही संजू के परिवार के सदस्य सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद गांव में प्रचार कार्य में लगे हुए हैं। यह लोग मतदाताओं पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। कमजोर तबके के मतदाताओं को डराकर संजू के पक्ष में मतदान कराने के प्रयास कर रहे हैं। इस शिकायत के बाद अधिकारियों की ओर से निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े पटवारी को गांव में तहकीकात करने के लिए भेजा था। डीएसपी ने शिकायतकर्ता को रेवाड़ी बुलाकर घटनाक्रम की पूरी जानकारी हासिल की थी, परंतु उसके बावजूद इन लोगों को प्रचार से हटाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए। यह लोग लगातार गांव में रहकर लोगों पर संजू यादव के पक्ष में मतदान करने का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी से मांग की है कि इन लोगों को तत्काल प्रभाव से चुनाव प्रचार से दूर किया जाए, ताकि गांव में निष्पक्ष रूप से चुनाव हो सकें।

अधिकारियों ने खुद को मेडिकल लीव पर बताया

इस संदर्भ में संजू यादव के देवर सतप्रकाश से बात की तो उन्होंने बताया कि वह मेडिकल लीव पर चल रहे हैं। गांव में उनका मकान है। गांव में आना-जाना बना रहता है। उन्होंने कहा कि उन पर व उनके भाइयों पर लगाए जा रहे मतदाताओं पर दबाव बनाने के आरोप पूरी तरह निराधार हैं। वह खुद मंदिर से संबंधित कार्य के लिए गांव में जाते रहते हैं। उनके गांव में जाने से चुनाव प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। इस मामले में पहले भी बबीता की ओर से शिकायत की जा चुकी है।

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