पंचायत चुनाव : हरियाणा की इन पंचायतों में सर्वसम्मति से महिला सरपंचों के नाम पर बनी सहमति

पंचायत चुनाव : हरियाणा की इन पंचायतों में सर्वसम्मति से महिला सरपंचों के नाम पर बनी सहमति
X
पंचायत ने सर्वसम्मति से सरपंच बनाने का फैसला लेकर भाईचारे की मिशाल कायम करने के साथ दूसरे गांव के ग्रामीणों को भी संदेश दिया है कि सरपंच के नाम पर सर्वसम्मति होने पर गांव में भाईचारा बढ़ता है।

जींद। हरियाणा पंचायत चुनाव में जींद जिले के गांव दरोली खेड़ा में ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से सरपंच बनाने का फैसला लिया है। गांव का सरपंच पद महिला के लिए आरक्षित होने पर सुमन पत्नी राजेश कुमार के नाम की सहमति का फैसला गांव की मेन चौपाल में हुई पंचायत में लिया गया। दरोली गांव में पहली बार सर्वसम्मति से सरपंच बनाने का फैसला लिया गया है। चुनाव के दौरान गांव की गिनती संवेदशील गांव में आती थी। यहां पर सरपंच पद को लेकर कांटे का मुकाबला होता रहा है। गांव के भाईचारे की पंचायत ने सर्वसम्मति से सरपंच बनाने का फैसला लेकर भाईचारे की मिशाल कायम करने के साथ दूसरे गांव के ग्रामीणों को भी संदेश दिया है कि सरपंच के नाम पर सर्वसम्मति होने पर गांव में भाईचारा बढ़ता है।

पंचायत में फैसला लिया गया कि सरपंच पद को लेकर गांव से एक ही नामांकन फार्म सुमन पत्नी राजेश कुमार का भरा जाएगा। गांव में हुई पंचायत की जानकारी देते हुए पूर्व सरपंच प्रतिनिधि साधुराम, पूर्व सरपंच नसीब कुमार, पूर्व सरपंच तारा चंद, पूर्व सरपंच शमशेर सिंह ने बताया गांव में अब तक सर्वसम्मति से कभी सरपंच नहीं बना है। गांव की मेन चौपाल में भाईचारे की पंचायत हुई। इस पंचायत में हर किसी ने अपने-अपने विचार रखे। सभी की सहमति से फैसला लिया गया कि इस बार सरपंच पद को लेकर गांव से सुमन पत्नी राजेश कुमार का नामांकन भरा जाएगा। सुमन के अलावा गांव में कोई दूसरा नामांकन नहीं भरा जाएगा।

हसनपुर में भी सर्वसम्मति से महिला सरपंच चुनने के लिए नाम तय

जींद जिले के खंड अलेवा में 170 साल पूर्व बसे हसनपुर गांव में पहली बार महिला सरपंच का सर्वसम्मति से नाम तय कर लोगों ने भाईचारे की मिसाल कायम की है। गांव में सभी पंचों के पदों पर भी सर्वसम्मति से नाम तय किए हैं। गांव में पहली बार है कि सर्वसम्मति से सरपंच तथा पंचों के नाम तय किए हैं। इससे पहले हर बार पंचों तथा सरपंच पद के लिए चुनाव होते आ रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा महिला मीना को सरपंच पद का उम्मीदवार तय किया गया है। हालांकि नामाकंन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही तय होगा कि दूसरा उम्मीदवार मैदान में आता है कि नहीं।

गांव हसनपुर में शनिवार को एक सर्वजातिय पंचायत हुई। पंचायत में सर्वसम्मति से कप्तान की पत्नी मीना को गांव की सरपंच बनाने पर सहमति हुई। ऐसे में गांव के पंचों के नाम पर भी सर्वसम्मति बनाने का फैंसला लिया गया। पंचायत में फैंसला लिया गया कि सरपंच महिला मीना के अलावा कोई भी सरपंच पद के लिए नामाकंन नहीं करेगा। गांव के लोगों ने सर्वसम्मति से यह फैंसला देकर भाईचारे का संदेश देने का काम किया है। भविष्य मेंं भी इस प्रकार से सरपंच चुनने पर विचार हुआ है।

1905 के बाद पहली बार बनी सहमति

ग्रामीणों ने बताया कि गांव हसनपुर करीब 170 साल पूर्व बसा था। तब से अब तक गांव में सरपंच तथा पंच पदों के लिए चुनाव होते आए हैं। इसके लिए कभी महिला तो कभी पुरूष सरपंच चुने गए। गांव ने पहली बार सर्वसम्मति से महिला सरपंच बनाने का फैंसला लेकर दूसरे गांवों को भी भाईचारा का संदेश दिया है। गांव मंे सरपंच के चुनाव के समय आपस में मनमुटाव हो जाते हैं और जो लंबे समय तक चलते रहते हैं। सर्वसम्मति से सरपंच चुन जाने के बाद गांव का भाईचारा कायम रहता है। इस प्रकार के फैंसले दूसरे गांव के लोग भी करें ताकि आपस में भाईचारा बने रहे।

Tags

Next Story