Panchayat Election : टिकट के लिए पहले अपनों की टांग खिंचाई में जुटे नेता, ग्रामीण क्षेत्र में राजनीतिक पारा चढ़ा

Panchayat Election : टिकट के लिए पहले अपनों की टांग खिंचाई में जुटे नेता,  ग्रामीण क्षेत्र में राजनीतिक पारा चढ़ा
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। जिला परिषद में राजनीतिक दलों की टिकट चाहने वालों की लाइन लगी है, मगर भाजपा के पास यह फेहरिस्त कुछ ज्यादा ही लंबी है। हालांकि इस इलाके में कांग्रेस के हालात भी कमजोर नहीं हैं। क्योंकि बीते विस चुनावों में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन से उनके पक्ष में भी माहौल दिख रहा है। कई नामचीन चेहरे भाजपा व कांग्रेस की टिकट चाहने वालों की दौड़ में गिने जा रहे हैं।

रवींद्र राठी. बहादुरगढ़

प्रदेश में पंचायत चुनाव करवाने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार की ओर से औपचारिक घोषणा उपरांत अगले महीने में चुनाव होने की संभावना है। शीघ्र ही निकाय चुनावों को लेकर भी तस्वीर साफ हो सकती है। ऐसे में चुनाव लड़ने की चाह रखने वालों ने सक्रियता बढ़ा दी है। अपनी प्रतिष्ठा बचाने में जुटे राजनेता अभी से लोगों का मन टटोलने व गिले शिकवे दूर करने में व्यस्त हो गए हैं। राजनीतिक दलों की टिकट के इच्छुक नेता पहले अपनी ही पार्टी में प्रतिद्वंद्वी दावेदारों की टांग खिंचाई में जुटे हैं। इसके बाद ही दूसरे दलों के विरोधी उम्मीदवारों को चारों खाने चित करने की रणनीति बनाएंगे।

पंचायत चुनावों की घोषणा शीघ्र होने की संभावना बनते ही ग्रामीण क्षेत्र में राजनीतिक पारा चढ़ गया है। जिला परिषद में राजनीतिक दलों की टिकट चाहने वालों की लाइन लगी है, मगर भाजपा के पास यह फेहरिस्त कुछ ज्यादा ही लंबी है। हालांकि इस इलाके में कांग्रेस के हालात भी कमजोर नहीं हैं। क्योंकि बीते विस चुनावों में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन से उनके पक्ष में भी माहौल दिख रहा है। कई नामचीन चेहरे भाजपा व कांग्रेस की टिकट चाहने वालों की दौड़ में गिने जा रहे हैं। इनमें से कुछ तो सार्वजनिक तौर पर भी टिकट की दावेदारी जता चुके हैं। एक दूसरे की टांग खिंचाई कर प्रतिद्वंद्वी की टिकट कटवाने की लाबिंग जोर-शोर से की जा रही है। कुछ नेताओं द्वारा आलाकमान पर दबाव बनाने की कोशिशें भी निरंतर जारी हैं। हर तरह से टिकट की जुगत के प्रयास किए जा रहे हैं। यह समय बताएगा कि टिकट किसकी झोली में गिरती है।

दूसरी ओर निकाय चुनावों को लेकर 10 मई को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। जानकारों के अनुसार शीघ्र ही निकाय चुनावों को लेकर भी रास्ता साफ हो जाएगा। ऐसे में भाजपा से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे पिछड़ा वर्ग के नेताओं की सक्रियता भी अचानक बढ़ गई है। सूत्रों की मानें तो स्थापित नेताओं का टिकट कटवाने के लिए दावेदार किसी नए चेहरे को देने की वकालत कर रहे हैं। जबकि पूर्व विधायक नरेश कौशिक से लेकर प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के दरवाजे पर टिकट के इच्छुक नेताओं की लाइन लगी है। इनेलो व जजपा भी लगातार अपने कार्यकर्ताओं का मन टटोलने में जुटी हुई है। इनेलो प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी जहां लगातार पदाधिकारियों की बैठक लेकर मंथन कर रहे हैं। वहीं जजपा के प्रभारी एवं प्रदेश सरकार में मंत्री अनूप धानक भी दो दिन पहले कार्यकर्ताओं से इस मामले में चर्चा कर चुके हैं।

बहरहाल, हर राजनीतिक दल अपने लिए योग्य प्रत्याशी की तलाश कर रहा है। फिलहाल सभी दावेदार अपनी टिकट व चुनावी जीत के समीकरणों को फिट बैठाने में जुटा है। हालांकि चुनावी मैदान में कूदने के लिए राजनीतिक दल किसे अपना यौद्धा तय करती है? यह तो फिलहाल समय के गर्भ में छिपा है।

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