पंचायत चुनाव : सरपंची की चौधर को फिर बचाने में कामयाब रहा पूर्व मंत्री वेद सिंह मलिक का परिवार, पुत्र वधू बनी सरपंच

सोनीपत (गन्नौर)। नेशनल हाईवे 44 से सटा गन्नौर विधानसभा एवं मुरथल खंड का पिपली खेड़ा में गांव वर्ष 1952 से लेकर आज तक पूर्व मंत्री स्वर्गीय वेद सिंह मलिक के परिवार के पास सरपंची का ताज रहा है। वर्ष 1952 के बाद महज एक बार इस परिवार को हार का मुंह देखना पड़ा है। जबकि एक बार गांव की सरपंची की सीट रिजर्व होने पर भी इस परिवार ने अपने समर्थक को निर्विरोध जीत दिलाई थी। इस परिवार पर गांव के लोगों का इतना प्यार व सम्मान है कि गांव के लोगों का इस परिवार पर विश्वास के साथ सरपंचाई का ताज पहना देते है।
बता दें कि गन्नौर तहसील के पिपली खेड़ा ग्राम पंचायत में चौधरी मांगेराम मलिक का परिवार लगातार सरपंची के चुनाव जीत दर्ज करवाता रहा है। सबसे पहले वर्ष 1952 में पहला पंचायत का चुनाव हुआ था। जिसमें चौधरी मांगेराम गांव के पहले सरपंच बने थे। फिर चौधरी मांगेराम कें पुत्र रामस्वरूप गांव के सरपंच बने। इसके बाद राम स्वरूप की पत्नी शांति देवी सरपंच बनी। इसके बाद उनके बेटे रणबीर सिंह मलिक को ग्रामीणों ने सरपंच चुना, उसके बाद हाल में जजपा नेता रणधीर मलिक को गांव का सरंपच बनाया गया तो पिछले प्लान में जजपा नेता रणधीर मलिक के भतीजे विनय के सिर सरंपची की ताजपोशी की गई तो इस बार रणधीर मलिक के भतीजे व पूर्व परिवहन मंत्री स्व.चौधरी वेद सिंह मलिक की पुत्रवधू जजपा के पूर्व हलका प्रधान की पत्नी उर्मिला मलिक को ग्रामीणों ने सरपंची का पद देकर ये साबित कर दिया है कि गांव गांव का भरोसा व विश्वास आज भी कायम है। तभी तो आज तक इसी परिवार के लोगों पर विश्वास करके सरपंची का पद उन्हें देते रहें है।
महिला के लिए आरक्षित था सरपंच पद
इस बार महिला के लिए गांव के सरपंच पद के लिए आरक्षित किया गया था जिसके चलते जजपा नेता ने अपनी पत्नी का सरपंच के रण में उतारा था और ग्रामीणों ने उन्हें जिताकर एक बार फिर उस परिवार में अपनी आस्था जताई है।
राजनीतिक इतिहास रहा है नवनियुक्त सरपंच के परिवार का
इस परिवार का राजनैतिक इतिहास रहा है। चौधरी मांगेराम गांव के सरपंच के अलावा मार्केट कमेटी के चेयरमैन भी रहें थे। उनके पुत्र स्व. राम स्वरूप भी लेंड मोर्गेज बैंक के चेयरमैन के साथ कई संस्थों के साथ जुडें रहें थे। नवनिर्वाचित सरपंच के ससूर स्वर्गीय वेद सिंह मलिक इनेलों कार्यकाल में परिवहन मंत्री थे। उनके पति के चाचा रणधीर मलिक भी पूर्व में गन्नौर से विधानसभा चुनाव में जजपा प्रत्याशी रह चुके हैं। इसके अलावा रणधीर मलिक गांव के सरपंच के साथ बैडमिंटन एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष के साथ स्टूडेंट यूनियन के प्रधान भी रह चुके है।
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