हरियाणा में पंचायत चुनावों पर पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली और सुशील गुप्ता में छिड़ी जंग

हरियाणा में पंचायत चुनावों पर पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली और सुशील गुप्ता में छिड़ी जंग
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डॉ सुशील गुप्ता ने ट्वीटर पर एक खबर को शेयर करते हुए लिखा कि ऐसा प्रतीत होता है सरकार की पंचायत चुनाव करवाने की मंशा ही नहीं है। ग्रामीण एरिया में विकास कार्य रुके हुए हैं साथ ही सरकारी अफसर ठेकेदारों के साथ मिलीभगत करके विकास फंड को लूटने में जुटे हुए हैं। क्या ये बिना ऊपरी "आशीर्वाद" के सम्भव है ?चूंकि ये ट्वीट हरियाणा के पंचायत चुनाव के महकमे का है और देवेंद्र सिंह बबली के हाथ मुश्किल से मंत्रालय लगा है तो वो इस मुद्दे पर तत्काल कूदे और सुशील गुप्ता को जवाब देते हुए लिखा कि गुप्ता जी, ट्वीट करने की जल्दी में खबर पढ़ी ना आपने पूरी।

हरिभूमि न्यूज : रोहतक

पंचायत चुनाव हरियाणा के लोगों के लिए एक सपना सा बनता जा रहा है। अब 25 को कोर्ट में फिर तारीख है लेकिन इससे पहले ही हरियाणा पंचायत चुनाव को लेकर ट्वीटर पर जंग छिडी हुई है। इस जंग में कोई मैन आफ द मैच नहीं है लेकिन मुद्दा ऐसा है जो हरियाणा की जनता के नब्ज से जुडा है।

इस बार मैदान में राजनीति के दो योद्धा हैं, एक तो आम आदमी पार्टी को हरियाणा में स्थापित करने में जुटे सांसद डॉ सुशील गुप्ता और दूसरी और नए नए पंचायत मंत्री बने देवेंद्र सिंह बबली जी। दोनों का ट्वीटर युद्ध चल रहा है और इसमें मजे लेने वाले तो हैं लेकिन कुछ लोग सीरियस बातें भी कर रहे हैं जिन पर चर्चा होना लाजिमी है।

हुआ ये है कि डॉ सुशील गुप्ता ने ट्वीटर पर एक खबर को शेयर करते हुए लिखा कि ऐसा प्रतीत होता है सरकार की पंचायत चुनाव करवाने की मंशा ही नहीं है। ग्रामीण एरिया में विकास कार्य रुके हुए हैं साथ ही सरकारी अफसर ठेकेदारों के साथ मिलीभगत करके विकास फंड को लूटने में जुटे हुए हैं। क्या ये बिना ऊपरी "आशीर्वाद" के सम्भव है ?


चूंकि ये ट्वीट हरियाणा के पंचायत चुनाव के महकमे का है और देवेंद्र सिंह बबली के हाथ मुश्किल से मंत्रालय लगा है तो वो इस मुद्दे पर तत्काल कूदे और सुशील गुप्ता को जवाब देते हुए लिखा कि गुप्ता जी, ट्वीट करने की जल्दी में खबर पढ़ी ना आपने पूरी। पंचायत चुनाव, कोर्ट आर्डर के लिए रुके हैं और घोटालों की जांच विजिलेंस विभाग को दी जा चुकी है। अब आप यूं बताओ, दिल्ली में लोकपाल कौन से ऊपरी "आशीर्वाद" के इंतजार में है?


इसके बाद सुशील गुप्ता को मौका मिल गया देवेंद्र बबली को आप पार्टी के ट्रेप में फंसाने का और उन्होंने मंत्री देवेंद्र बबली से पूछा कि माननीय मंत्री जी खट्टर सरकार के 17 घोटालों की जांच के नाम पर चल रही "नूराकुश्ती" को पूरा हरियाणा देख रहा है। गठबंधन की मर्यादा से बंधे नए मंत्री के लिये सरकार का बचाव करने की मजबूरी को हम बखूबी समझते हैं।

अब दो बडे नेताओं में लडाई हो और लोग बाग बीच में ना कूदें ऐसा नहीं हो सकता है। कुलदीप कादियान ने देवेंद्र बबली के ट्वीट पर लिखा है कि बबली जी, ट्वीट करने की जल्दी में ना कोर्ट का बहाना देखा और ना दिल्ली सरकार द्वारा विधानसभा में पास लोकपाल कानून। अब आप यूं बताओ, पंचायत चुनाव किसके डर से और किसके ऊपरी "आशीर्वाद" के इंतजार में है?

रमेश केडिया ने देवेंद्र बबली से पूछा कि बबली जी ,कोर्ट ऑर्डर कब तक आ जायेगा? साल,2 साल,5 साल या 10 साल? वैसे आपको तो खुद पता है आपके गठबंधन की हालत अब हरियाणा में क्या है?

और तो और भाजपा आईटी सैल से जुडे राजवीर रोहिल्ला ने भी पंचायत मंत्री को नहीं बख्शा और लिखा कि मंत्री जी पिल्लूखेड़ा मनरेगा के फूल डाक्यूमेंट्स के साथ घोटाला पकड़ा है वादा करो दोषियो को सजा होगी सुबूत के साथ हाजिर हो जाऊंगा

भाजपा से ही जुडे धनराज बंसल ने भी मंत्री देवेंद्र बबली का कहा है कि भाई, मैंने e-auction में घोटाले के सबूत दिए 4 साल से अधिक हो गए लेकिन कार्यवाही नही हुई और ना ही इस सरकार से होगी। अगर वास्तव में भ्रस्टाचार से लड़ना है, व्यवस्था परिवर्तन करनी है तो सबसे पहले आपको इस सरकार/ भाजपा को नमस्ते/ bye bye/ टाटा करनी होगी।।

हालांकि मेरा ये मानना है कि सोशल मीडिया पर मंत्री जी को आप पार्टी से उलझने से बचना चाहिए क्योंकि वहां तो उनकी पूरी फौज खडी है और दाल की हांडी चढने से पहले ही फूटने का खतरा है।

खैर दोस्तों इस बहाने सही हरियाणा में पंचायत चुनावों की चर्चा एक बार तो फिर से शुरू हो ही गई है। मैं तो लगातार कोर्ट से अपडेट आपतक पहुंचाने की पूरी कोशिश करता हूं लेकिन आज तो आप ही बताएं कि आपको क्या लगता है पंचायत चुनाव कब होंगे, आज आपका ही अनुमान बताएं।

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