ई-टेंडरिंग का विरोध : पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने दी सफाई, सरपंचों से मांगा सहयोग

फतेहाबाद। ई-टेंडरिंग के विरोध में सरपंचों द्वारा बीते दिन छेड़े गए प्रदेशस्तरीय आंदोलन के बाद अब विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली सामने आए हैं। उन्होंने आंदोलन कर रहे सरपंचों के नाम वीडियो जारी किया। गांवों में ई-टेंडर प्रणाली से विकास कार्य करवाए जाने की व्यवस्था लागू करने पर प्रदेश के विकास एवं विकास मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने पंचायत प्रतिनिधियों के नाम दिए गए अपने खुले संदेश के माध्यम से आह्वान करते हुए कहा कि कार्य प्रणाली में बदलाव जनता की भलाई के लिए ही किया गया है। उन्होंने कहा कि जहां भी विकास कार्य के लिए टेंडर लगेगा और जहां भी कार्य होगा, वहां पर उससे संबंधित बोर्ड लगाया जाएगा, जिस पर कार्य का नाम, उसकी लागत, उसकी टेंडर आईडी और कौन-कौन अथॉरिटी थी, जैसे की सरपंच, ग्राम सचिव आदि सबके नाम लिखे जाएंगे। इससे विकास कार्य और अधिक पारदर्शिता के साथ होंगे।
उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था से कोई भी ग्रामवासी ऑनलाइन उस टेंडर की डिटेल्स निकलवा सकेगा और उसमें देख सकेगा कि इस कार्य में क्या-क्या काम करवाए गए और क्या-क्या सामग्री लगाई गई है। उन्होंने कहा कि सरपंचों की तरह वे भी एक जनप्रतिनिधि हैं। हम जनता के सेवक हैं। सरकार जो कि बदलाव ला रही है, वह जनता की सुविधा के लिए ला रही है ताकि कार्य में और पारदर्शिता व जवाबदेही आ सके। उन्होंने कहा कि उनके ही कुछ ऐसे शुभचिंतक हैं जो भ्रामक प्रचार कर जनता को बहकाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत जनप्रतिनिधियों की कार्य प्रणाली की शक्तियों में कुछ भी बदलाव नहीं हुआ है, सिर्फ कार्य प्रणाली को बदलकर सुधारा गया है। पहले जो काम मैनुअल होते थे, अब वह एक सॉफ्टवेयर से होंगे, जिसमें जवाबदेही सरपंच, ग्राम सचिव, एसडीओ और कार्यकारी अभियंता की होगी।
विकास एवं पंचायत मंत्री ने कहा कि सरकार जनता की होती है और जनता के लिए होती है। कार्य प्रणाली में बदलाव जनता की सुविधा के लिए ही होता है, ताकि कायार्ें में और अधिक पारदर्शिता आए। उन्होंने कहा कि आमजन जो टैक्स दे रहे हैं, उनको यह भी अधिकार होता है कि वे देख सकें कि उनके द्वारा दिए गए टैक्स का पैसा कहां-कहां लग रहा है। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था के तहत टेंडर समय घटाकर 7 दिन कर दिया गया है। कैबिनेट मंत्री पंचायत प्रतिनिधियों से आह्वान करते हुए कहा कि यदि फिर भी उनको लगे कि नई व्यवस्था में कोई कमी हैं तो वे आएं, उस कमी को भी दूर किया जाएगा। अगर इसमें कोई भी तकनीकी कमी का मामला है तो पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठकर उस पर गहनता से विचार करके उसको दूर किया जाएगा। इसके अलावा मुख्यालय पर विभाग के चीफ इंजीनियर बैठे हैं, उनसे भी जानकारी ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था की तकनीकियों बारे जन प्रतिनिधियों को दक्ष भी किया जाएगा।
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