पंचग्राम प्रोजेक्ट के कारण बढ़े जमीन के दाम, केएमपी के निकट अधिग्रहण को लेकर संग्राम

पंचग्राम प्रोजेक्ट के कारण बढ़े जमीन के दाम, केएमपी के निकट अधिग्रहण को लेकर संग्राम
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  • सोनीपत से लेकर पलवल तक 50-50 हजार हेक्टेयर भूमि पर पूरी प्लानिंग के साथ पांच नए शहर बनाने को तैयार है सरकार
  • केएमपी एक्सप्रेस-वे के साथ जमीन का मार्केट रेट कई गुणा अधिक होने के कारण वर्तमान मुआवजे की दरों से किसान असंतुष्ट

रवींद्र राठी. बहादुरगढ़ । मनोहर सरकार कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे (KMP Expressway) के साथ 'पंचग्राम' योजना के तहत 5 नए अत्याधुनिक शहर विकसित करने की तैयारी कर रही है। लेकिन इस मेगा प्रोजेक्ट से पहले हरियाणा ऑर्बिट रेल कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण करने में ही सरकार के पसीने छूट रहे हैं। सरकार की योजना के अनुसार पूरी प्लानिंग के साथ 50-50 हेक्टेयर भूमि पर ये 5 नए शहर बसाए जाएंगे। लेकिन इस प्रोजेक्ट की चर्चाओं के बीच केएमपी के आसपास जमीन के रेट भी सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं। इसीलिए किसान एचओआरसी के लिए अधिगृहित की जा रही जमीन के मुआवजे की दर से असंतुष्ट हैं। किसान नेता रमेश दलाल ने उदाहरण देते हुए बताया कि डाबोदा गांव में जमीन का मार्केट रेट करीब ढाई से 3 करोड़ रुपए प्रति एकड़ है। जबकि सरकार ने मुआवजा करीब 58 लाख रुपए प्रति एकड़ घोषित किया है।

बता दें कि देश की राजधानी से सटा हरियाणा शहरीकरण में सबसे आगे है। यहां 2040 से पहले ही शहरी आबादी 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। इसका सीधा अर्थ है कि 17 साल बाद प्रदेश का हर दूसरा आदमी शहर में रहेगा। इसीलिए सरकार केएमपी के दोनों ओर पांच बड़े शहर बसाने की योजना बना रही है। यहां लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इसके लिए जमीन भी चिह्नित कर ली गई है। इन प्रस्तावित शहरों में से पहले में बहादुरगढ़, झज्जर, सांपला, खरखौदा, सोनीपत आदि इलाके की जमीन शामिल रहेगी। दूसरे में गुरुग्राम, फरुखनगर, पटौदी, बादली, बहादुरगढ़, झज्जर की भूमि रहेगी। तीसरे शहर में गुरुग्राम, फरुखनगर, मानेसर, पटौदी, फिरोजपुर झिरका, नूंह, तावडू व रेवाड़ी इलाके की भूमि को शामिल किया जाएगा। चौथे शहर में बल्लबगढ़, फरीदाबाद, सोहना, फिरोजपुर झिरका, नूंह, हथीन व पलवल की भूमि रहेगी। पांचवें शहर में बल्लबगढ़, फरीदाबाद, होडल व पलवल की भूमि शामिल रहेगी। इन पांचों शहरों को करीब 50-50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बसाया जाएगा। मनोहर सरकार इन पांचों शहरों को पूरी प्लानिंग के साथ बसाना चाह रही है।

फिलहाल, हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा 5618 करोड़ रुपए की लागत वाले हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर को दिसंबर-2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। भूमि अर्जन अधिकारी ने पिछले साल नवंबर में भूमि अधिग्रहण के लिए अवार्ड सुनाया था। मुंडाखेड़ा की 8.18 हैक्टेयर भूमि 84.68 लाख प्रति एकड़, इस्माइलपुर की 2.57 हैक्टेयर भूमि 75.69 लाख, देवरखाना की 0.75 हैक्टेयर भूमि 81.95 लाख, लगरपुर 6.88 हैक्टेयर भूमि 75.12 लाख, दरियापुर की 6.47 हैक्टेयर भूमि 121.61 लाख, बादली की 6.09 हैक्टेयर भूमि 116.44 लाख और 20.37 हैक्टेयर भूमि 137.74 लाख, माजरी की 2.44 हैक्टेयर भूमि 79.86 लाख, गुभाना की 2.69 हैक्टेयर भूमि 73.19 लाख, बुपनिया की 5.77 हैक्टेयर भूमि 64.68 लाख और 9.35 हैक्टेयर 54.68 लाख प्रति एकड़, डाबोदा खुर्द की 4.69 हैक्टेयर भूमि 58.13, मेहंदीपुर 5.5 हैक्टेयर 64.01, मांडोठी की 22.25 हैक्टेयर भूमि 58.54, आसौदा टोडरान की 17.37 हैक्टेयर भूमि 77.69, जसौर खेड़ी की 5.25 हैक्टेयर भूमि 77.87, खेड़ी जसौर की 6.66 हैक्टेयर भूमि 74.81, निलोठी की 4.59 हैक्टेयर भूमि 67.13 लाख, जाखौदा की 8.02 हैक्टेयर भूमि 150.99 लाख रुपए प्रति एकड़ की दर से अधिग्रहण की जा रही है। अधिग्रहण की दर मार्केट रेट से काफी कम होने के कारण किसानों ने 5 जनवरी को धरना शुरू दिया था। इसके बाद डीसी के माध्यम से सरकार ने 26 मार्च को बढ़े मुआवजे की घोषणा की थी। लेकिन गतिरोध जारी रहा और 27 जून को सहमति बनी है कि 21 दिन तक बढ़ा हुआ मुआवजा किसानों को मिल जाएगा।

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