हरियाणा में पानीपत की हवा सबसे खराब, एयर क्वालिटी इंडेक्स 311 दर्ज किया गया

विकास चौधरी : पानीपत
भारत की तकदीर बदल देने वाले तीन महान युद्धों की गवाह पानीपत की धरती को वर्तमान में दुनिया टेक्सटाइल नगरी (Textile city) के रूप में जानती है। दुनिया में टेक्सटाइल के लिए प्रसिद्ध पानीपत के दामन पर प्रदूषित (Polluted) नगर होने का दाग भी लगा हुआ है, वहीं यह दाग अक्टूबर माह में गाढ़ा होने लगता है।
पानीपत बुधवार को हरियाणा का सबसे प्रदूषित नगर बना, शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 अंक पार पहुंच कर 311 हो गया, यह पानीपत में की प्रदूषण की भयावह स्थित है। मौसम विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि अक्टूबर माह के अंत तक एक्यूआई का स्तर लगातार बढता चला जाएगा, यानि कि प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ेगा। स्मरणीय है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान पानीपत का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 80 अंक तक पहुंच गया था और यमुना नदी का पानी मानव के पीने योग्य हो गया था। वहीं आनलॉक लागू होते ही पानीपत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री चालू हो गई। पानीपत में टेक्सटाइल व इससे जुडे उद्योगों के 20 हजार से अधिक कारखाने चालू हो गए, इसके साथ ही पानीपत की लॉकडाउन में साफ सुथरी हुई हवा फिर से प्रदूषित होने लगी।
वहीं उद्योग से निकलने वाले धुएं के साथ धान की पराली का खेतों में लुकछिप कर जलाया जाना भी वातावरण के लिए घातक साबित हो रहा है। बुधवार को पानीपत का एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है, जो मानव सेहत पर बहुत ही खतरनाक है, वहीं पानीपत में एक अक्टूबर से ही प्रदूषण का स्तर बढ़ना शुरू हो गया था। नगर में 14 दिन के अंदर प्रदूषण का स्तर साढ़े तीन गुना बढ़ गया है।
वहीं बुधवार को पानीपत सिटी, हरियाणा में सबसे प्रदूषित शहर बन गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार बुधवार को पानीपत का एक्यूआई 311 अंक दर्ज किया गया। स्मरणीय है कि गत वर्ष 2019 में नवंबर माह के पहले सप्ताह में पानीपत का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 900 अंक तक पहुंच गया था और पानीपत देश का तीसरा सबसे प्रदूषित नगर बन गया था, इसके चलते ईपीसीए ने 15 दिन के लिए पानीपत की सभी इंडस्ट्रियों को बंद कर दिया था ताकि प्रदूषण का स्तर कम हो जाए। इधर, मौसम विशेषज्ञों के अनुसार एक अक्टूबर से दिन व रात के तापमान में लगातार गिरावट जारी है, दिन ढलते ही ओस गिरने लगती है और वातावरण में स्मॉग बन जाता है, इससे प्रदूषण बढ़ने लगता है।
पानीपत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कमलजीत ने बताया कि पानीपत में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, वहीं बोर्ड के अधिकारी भी प्रदूषण को कम करने के लिए सक्रिय हो गए है, प्रदूषण फैलने वाली फैक्टरियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जबकि धान की पराली जलाने वाले किसानों से भी सख्ती से निपटा जाएगा।
पानीपत में अक्टूबर माह का एक्यूआई रिकार्ड
1 अक्टूबर-----121
2 अक्टूबर-----180
3 अक्टूबर-----184
4 अक्टूबर-----191
5 अक्टूबर-----177
6 अक्टूबर-----194
7 अक्टूबर-----289
8 अक्टूबर-----167
9 अक्टूबर-----211
10 अक्टूबर----244
11 अक्टूबर----269
12 अक्टूबर----320
13 अक्टूबर----360
14 अक्टूबर----311
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