Paralympics : Manish Narwal को 6 करोड़, Singhraj Adhana को 4 करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी देगी Haryana Government

Paralympics : Manish Narwal को 6 करोड़, Singhraj Adhana को 4 करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी देगी Haryana Government
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मनीष का जन्म से ही एक हाथ खराब है। उसने निशानेबाजी के खेल में अभ्यास शुरू किया और पहली ही प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता, जिसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसकी यही मेहनत उसे पैरा ओलिंपक तक ले गई। वहीं फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ के तिगांव में एक साधारण किसान प्रेम सिंह के परिवार में जन्मे सिंहराज अधाना को परिवार की आर्थिक जरुरतों को पूरा करने के लिए जबरदस्त संघर्ष करना पड़ा है, लेकिन पति के सपनों को पूरा करने के लिए इस महंगे खेल के लिए उनकी पत्नी ने गहने तक बेचने पड़े।

हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने पैरालंपिक में पदक विजेताओं के लिए की है इनाम की घोषणा की है। शूटिंग में गोल्ड मेडल जीतने वाले मनीष नरवाल (Manish Narwal) को सरकार 6 करोड़ और सिल्वर जीतने वाले सिंहराज को 4 करोड़ की इनामी राशि से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा दोनों को सरकारी नौकरी भी सरकार देगी। बता दें कि इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक में निशानेबाजी में शूटर सिंहराज अधाना (Singhraj Adhana) पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 स्पर्धा में कांस्य पदक (Bronze Medal) जीत चुके है।

मनीष का जन्म से ही एक हाथ खराब : टोक्यो पैरा ओलंपिक में पी4 मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल एसएच1 में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाले युवा निशानेबाज मनीष नरवाल का जन्म प्रदेश के सोनीपत जिले में दिलबाग सिंह नरवाल के परिवार में हुआ, लेकिन 1993 में वह अपने परिवार के साथ फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ में आकर बस गए। मनीष का जन्म से ही एक हाथ खराब है। उसने निशानेबाजी के खेल में अभ्यास शुरू किया और पहली ही प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता, जिसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसकी यही मेहनत उसे पैरा ओलिंपक तक ले गई। 26 वर्षीय मनीष ने इसी साल इन स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक लेकर विश्व रिकार्ड तोड़ा, तो उन्हे अर्जुन अवार्ड के लिए नामित किया गया है। जहां तक मनीष की उपलब्धियों का सवाल है उसने पिछले नौ साल विश्वकप के दौरान नौ बार ही नए रिकार्ड कायम किये हैं। पिछले तीन सालों के दौरान ही मनीष ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 17 पदक और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 19 पदक अपने नाम किये हैं। जकार्ता पैरा एशियाई खेलों में नया रिकार्ड बनाते हुए स्वर्ण और एक रजत पदक जीता है, तो वहीं पिछले साल व‌र्ल्ड चैंपियनशिप में तीन कांस्य पदक अपने नाम किए थे।2019 विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता नरवाल ने पैरालंपिक और विश्व चैंपियन निशानेबाजों को पछाड़कर पहला स्थान हासिल किया। उसके परिवार में छोटे भाई बहन भी उसी की राह पर चल पड़े। बहन शिखा भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज है, जिसने पिछले साल ही दोहा कतर में एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक पर निशाना साधा। जबकि भाई शिवा नरवाल दो वर्षों के खेलो इंडिया में शानदार प्रदर्शन करते हुए पदक रिकार्ड बना रहे हैं।

सिंहराज अधाना को जबरदस्त संघर्ष करना : फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ के तिगांव में एक साधारण किसान प्रेम सिंह के परिवार में जन्मे सिंहराज अधाना को परिवार की आर्थिक जरुरतों को पूरा करने के लिए जबरदस्त संघर्ष करना पड़ा है, लेकिन पति के सपनों को पूरा करने के लिए इस महंगे खेल के लिए उनकी पत्नी ने गहने तक बेचने पड़े। परिवारिक माली हालत ठीक न होने के बावजूद गांव के स्कूल में 10 मीटर व 50मीटर एयर पिस्टल की रेंज तैयार करई। सिंहराज ने इसी साल मार्च में अल ऐन (संयुक्त अरब अमीरात) विश्व निशानेबाजी पैरा स्पोर्ट विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक और रजत पदक जीता है। इससे पहले 2019 के सिडनी विश्व चैम्पियनशिप पदकधारी सिंहराज ने रियो 2016 कांस्य पदक विजेता को पछाड़कर स्वर्ण पदक जीता था। अधाना की शूटिंग की उपलब्धियों में 2018 में चेटौरस वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक और व्यक्तिगत स्पर्धाओं में रजत पदक, इंडोनेशिया के जकार्ता में पैरा एशियाई खेलों में कांस्य पदक के अलावा कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीतकर इतिहास रच चुके हैं।

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