Paralympics Tokyo 2020 : पैरालंपिक में भी हरियाणा के छोरे ने गाड़ दिया लठ, नीरज चोपड़ा के बाद सुमित आंतिल बने Golden Boy

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत
टोक्यो ओलंपिक के बाद अब पैरा ओलंपिक ( Tokyo Paralympic ) में भी हरियाणवी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। सोमवार को जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर जैवलिन थ्रो में सोनीपत के खेवड़ा गांव के रहने वाले सुमित आंतिल ( Sumit Antil ) ने गोल्डन सफलता हासिल की है। ओलंपिक में जिस तरह से नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचा था, उसी प्रकार अब पैरालंपिक में भी सुमित ने इतिहास रच दिया है। जख्मी पांव के साथ खेल रहे सुमित ने अपने हौंसलों को मजबूत बनाए रखा और आत्मविश्वास के साथ अपना खेल दिखाया। सुमित को पीएम नरेंद्र मोदी, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल सहित अनेक नेताओं और गणमान्य लाेगों ने बधाई दी है।
Our athletes continue to shine at the #Paralympics! The nation is proud of Sumit Antil's record-breaking performance in the Paralympics.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2021
Congratulations Sumit for winning the prestigious Gold medal. Wishing you all the best for the future.
खास बात यह है कि सुमित के पांव में पिछले कई दिनों से जख्म बना हुआ था, लेकिन बावजूद इसके उसने अपना हौंसला आसमानी रखा। नीरज चौपड़ा की भांति सुमित ने भी पूरा आत्मविश्वास दिखाया, जिसके कारण वे अपनी जीत को लेकर पहले से ही आश्वस्त दिखाई दे रहे थे। विजयी भाला फेंकने के बाद सुमित भी उसी तरह से दहाड़ा जैसे कि नीरज दहाड़ा था। जैवलिन थ्रो में सुमित ने जैसे ही गोल्डन भाला फैंका वैसे ही उनके गांव खेवड़ा समेत देशभर में जश्न शुरू हो गया। गांव खेवड़ा में सुमित के परिजनों के अलावा पड़ोसी और रिश्तेदारों ने ढोल की थाप पर खूब डांस किया।
Our athletes continue to shine at the #Paralympics! The nation is proud of Sumit Antil's record-breaking performance in the Paralympics.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2021
Congratulations Sumit for winning the prestigious Gold medal. Wishing you all the best for the future.
बता दें कि जापान के टोक्यो में फिलहाल पैरालंपिक खेल चल रहे हैं, जिनमें सोमवार को सोनीपत के स्टार खिलाड़ी सुमित आंतिल का इवैंट हुआ। सुमित ने जैवलिन थ्रो में शुरू से ही बढ़त बनाई और आस्ट्रेलिया के खिलाड़ी एम. ब्रूरेन को हराते हुए रिकार्ड बना डाला। सुमित ने एफ.64 कैटेगरी में 68.55 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर नया विश्व रिकार्ड बनाकर शानदार उपलब्धि हासिल कर देश का नाम रोशन किया है।
2005 में खोया था पिता को, 2015 में गंवाया था पैर
सुमित आंतिल का जन्म 7 जून 1998 को हुआ था। तीन बहनों के इकलौते भाई ने परिवार शुरू से ही परिवार की जिम्मेदारी संभाल ली थी। जब सात साल का था, तब एयरफोर्स में तैनात पिता रामकुमार की बीमारी से मौत हो गई। पिता का साया उठने के बाद मां निर्मला ने हर दुख सहन करते हुए चारों बच्चों का पालन-पोषण किया। निर्मला देवी ने बताया कि सुमित जब 12वीं कक्षा में था, कॉमर्स का ट्यूशन लेता था। 5 जनवरी 2015 की शाम को वह ट्यूशन लेकर बाइक से वापस आ रहा था, तभी सीमेंट के कट्टों से भरी ट्रेक्टर-ट्राली ने सुमित को टक्कर मार दी और काफी दूर तक घसीटते हुए ले गई। इस हादसे में सुमित को अपना एक पैर गंवाना पड़ा। कई महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद सुमित को वर्ष 2016 में पूना लेकर गई, जहां उसे आर्टिफिशियल पैर लगाया गया।
खेवड़ा में सुमित आंतिल के घर खुशी मनाते ग्रामीण व परिजन।
2018 एशियन चैंपियनशिप में ली थी 5वीं रैंक
निर्मला देवी ने बताया कि हादसे के बावजूद सुमित कभी उदास नहीं हुआ। रिश्तेदारों व दोस्तों की प्रेरणा से सुमित ने खेलों की तरफ ध्यान दिया और साईं सेंटर पहुंचा। जहां एशियन रजत पदक विजेता कोच विरेंद्र धनखड़ ने सुमित का मार्गदर्शन किया और उसे लेकर दिल्ली पहुंचे। जहां द्रोणाचार्य अवार्डी कोच नवल सिंह से जैवलिन थ्रो के गुर सीखे। सुमित ने वर्ष 2018 में एशियन चैंपियनशिप में भाग लिया, लेकिन 5वीं रैंक ही प्राप्त कर सके। वर्ष 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। वहीं, इसी वर्ष हुए नेशनल गेम में सुमित ने स्वर्ण पदक जीत खुद को साबित किया और अब पैरालंपिक में गोल्ड जीतकर सबकी आंखों का तारा बन गया।
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