Paralympics Tokyo 2020 : डिस्कस थ्रो में हरियाणा के विनोद मलिक ने जीता कांस्य पदक, बाद में इस कारण रोका गया मेडल

पहाड़ी से गिरने के कारण 10 साल तब बिस्तर पर रहने वाले चक्का फेंक एथलीट ( Discus Throw ) रोहतक के विनोद कुमार मलिक ( Vinod Malik ) ने रविवार को टोक्यो पैरालंपिक ( Paralympics Tokyo) में एशियाई रिकार्ड के साथ पुरूषों की एफ 52 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता, लेकिन उनके विकार के क्लासिफिकेशन पर विरोध के कारण बाद में उनका मेडल रोक दिया गया। बीएसएफ के 41 साल के जवान विनोद मलिक ने 19.91 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो से तीसरा स्थान हासिल किया। वह पोलैंड के पियोट्र कोसेविज (20.02 मीटर) और क्रोएशिया के वेलिमीर सैंडोर (19.98 मीटर) के पीछे रहे जिन्होंने क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक अपने नाम किए।
हालांकि विरोध किसी अन्य प्रतिस्पर्धी द्वारा किया गया है जिसने एफ 52 के उनके क्लासिफिकेशन पर आपत्ति जतायी है। विरोध का आधार अभी स्पष्ट नहीं है क्योंकि क्लासिफिकेशन की प्रक्रिया 22 अगस्त को पूरी हुई थी। एफ 52 स्पर्धा में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनकी मांसपेशियों की क्षमता कमजोर होती है और उनके मूवमेंट सीमित होते हैं, हाथों में विकार होता है या पैर की लंबाई में अंतर होता है जिससे खिलाड़ी बैठकर प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेते हैं। रीढ़ की हड्डी में चोट वाले या ऐसे खिलाड़ी जिनका कोई अंग कटा हो, वे भी इसी वर्ग में हिस्सा लेते हैं। खेलों के आयोजकों के एक बयान के अनुसार, ''प्रतियोगिता में क्लासिफिकेशन निरीक्षण के कारण इस स्पर्धा का नतीजा अभी समीक्षा के अधीन है। पदक समारोह भी 30 अगस्त के शाम के सत्र तक स्थगित कर दिया गया है। पैरा खिलाड़ियों को उनके विकार के आधार पर वर्गों में रखा जाता है। क्लासिफिकेशन प्रणाली में उन खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति मिलती है जिनका विकार एक सा होता है।
हरियाणा के खिलाड़ी विनोद कुमार का इन खेलों में पदार्पण करते हुए यह प्रदर्शन एशियाई रिकार्ड है जिससे भारत को मौजूदा चरण में तीसरा पदक भी मिला। विनोद के पिता 1971 भारत-पाक युद्ध में लड़े थे। सीमा सुरक्षा बल ( Bsf ) में जुड़ने के बाद ट्रेनिंग करते हुए वह लेह में एक चोटी से गिर गए थे जिससे उनके पैर में चोट लगी थी। इसके कारण वह करीब एक दशक तक बिस्तर पर रहे थे और इसी दौरान उनके माता-पिता दोनों का देहांत हो गया था।उनकी स्थिति में 2012 के करीब सुधार हुआ और पैरा खेलों में उनका अभियान 2016 रियो खेलों के बाद शुरू हुआ। विनोद कुमार मलिक ने रोहतक के भारतीय खेल प्राधिकरण केंद्र में अभ्यास शुरू किया और राष्ट्रीय प्रतियोगिता में दो बार कांस्य पदक जीते। उन्होंने 2019 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया जब उन्होंने पेरिस ग्रां प्री में शिरकत की और फिर इसी साल विश्व चैम्पियनशिप में चौथे स्थान पर रहे। उनसे पहले रविवार को भाविनाबेन पटेल ने महिलाओं की एकल टेबल टेनिस स्पर्धा क्लास 4 में और निषाद कुमार ने पुरूषों की टी47 ऊंची कूद स्पर्धा में रजत पदक जीते थे।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विनोद कुमार को कांस्य पदक के लिए बधाई देते हुए टवीट किया कि विनोद के शानदार प्रदर्शन से भारत खुश है। उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से शानदार परिणाम मिल रहा है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने विनोद मलिक को बधाई देते हुए टवीट किया कि रोहतक के विनोद कुमार ने डिस्कस थ्रो खेल में कांस्य पदक जीतकर हरियाणा के साथ-साथ सम्पूर्ण भारतवर्ष का मान बढ़ाया है। इस शानदार जीत के लिए उन्हें ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी विनाेद को बधाई दी।
It turned out to be a SUPER SUNDAY for #IND 🔥
— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) August 29, 2021
3️⃣ Medals in the bag - 2 #silver medals and a #bronze 😍
RT this and show your support for the athletes! #Tokyo2020 #Paralympics #ParaTableTennis #ParaAthletics pic.twitter.com/XqakLNcodL
India is rejoicing thanks to Vinod Kumar's stupendous performance! Congratulations to him for the Bronze Medal. His hard work and determination is yielding outstanding results. #Paralympics
— Narendra Modi (@narendramodi) August 29, 2021
शानदार!!
— Manohar Lal (@mlkhattar) August 29, 2021
रोहतक के विनोद कुमार ने #Paralympics में डिस्कस थ्रो खेल में कांस्य पदक जीतकर हरियाणा के साथ-साथ सम्पूर्ण भारतवर्ष का मान बढ़ाया है। इस शानदार जीत के लिए उन्हें ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं।
भविष्य में आप अनेक रिकॉर्ड स्थापित करें, यही कामना करता हूं। pic.twitter.com/Z2GpGGcLkg
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