134-ए के तहत दाखिला न होने पर गुस्साए परिजन : DEO, डिप्टी डीईओ और स्टाफ को ऑफिस में बनाया बंधक

134-ए के तहत दाखिला न होने पर गुस्साए परिजन : DEO, डिप्टी डीईओ और स्टाफ को ऑफिस में बनाया बंधक
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एकजुट परिजनों ने शाम चार बजे ऑफिस के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। करीब छह बजे तक यह स्थिति रही। ताला लगने की वजह से ऑफिस में डिप्टी डीईओ समेत कई स्टाफ कर्मचारी बंद रहे।

अंबाला

134-ए के तहत अपने बच्चों के दाखिले के लिए भटक रहे परिजनों का वीरवार को गुस्सा फूट पड़ा। परिजनों ने डीईओ ऑफिस पर ताला लगा दिया। इसके बाद परिजन गेट के आगे ही बैठ गए। परिजनों ने पहले डीईओ सुरेश कुमार से मुलाकात की थी। मगर कोई संतोषजनक जवाब न देने पर परिजन भड़क गए।

एकजुट परिजनों ने शाम चार बजे ऑफिस के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। करीब छह बजे तक यह स्थिति रही। ताला लगने की वजह से ऑफिस में डिप्टी डीईओ समेत कई स्टाफ कर्मचारी बंद रहे। शाम पांच बजे ड्यूटी खत्म होने के बाद घर जाने के लिए कई स्टाफ कर्मचारी परिजनों के आगे ताला खोलने के लिए गिड़गिड़ाते दिखे। मगर परिजनों ने साफ कहा कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होता ताला नहीं खुलेगा। दस दिन से काट रहे चक्क, कल अंतिम दिन डीईओ ऑफिस के मुख्य गेट पर डटे हरदेव सिंह, शालिनी, राजीव कुमार, रामकुमार व पूनम ने बताया कि बच्चों द्वारा परीक्षा पास करने के बावजूद प्राइवेट स्कूलों में दाखिले के लिए पिछले दस दिनों से भटक रहे हैं।

शक्षिा अधिकारी केवल उन्हें झूठे आश्वासन देकर टाल रहे हैं। जबकि दाखिला देने में हीलाहवाली करने वाले प्राइवेट स्कूल संचालकों के खिलाफ विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इन लोगों ने बताया कि अब केवल दाखिले के लिए एक दिन ही बचा है। ऐसे में उनके पास ऑफिस को ताला लगाने के सिवाय कोई चारा नहीं है। उन्होंने कहा कि वैसे भी इस ऑफिस का कोई काम नहीं है ऐसे में इसे बंद कर देना ही ठीक है। परिजन शाम सात बजे तक डीईओ ऑफिस के बाहर ही डटे हुए थे। वापिस लौटे डीईओ सुरेश कुमार ने परिजनों को समझाने का प्रयास किया। इसके बाद स्टाफ के साथ वे भी ऑफिस में चले गए।

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