अफसरशाही का कारनामा : कांग्रेसी विधायक की कोठी को कालोनी बताकर पास कर दिया

अफसरशाही का कारनामा : कांग्रेसी विधायक की कोठी को कालोनी बताकर पास कर दिया
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समालखा के कांग्रेसी विधायक धर्म सिंह छौक्कर (Congress MLA Dharam Singh) की कोठी को कॉलोनी बताकर स्वीकृत कराने का फर्जीवाड़ा साबित होने पर लोकायुक्त ने एसआईटी गठित कर तीन माह में दोषियों को दंडित करने के आदेश सरकार को किए हैं

चंडीगढ़। समालखा सीट से कांग्रेसी विधायक धर्म सिंह छौक्कर(MLA Dharam Singh)की कोठी को कालोनी बताकर स्वीकृत कराने का फर्जीवाड़ा (Fraudulent) साबित होने पर लोकायुक्त ने एसआईटी गठित कर तीन माह में दोषियों को दंडित करने के आदेश सरकार(Government) के माध्यम से जारी कर दिया है।

आदेशों में लोकायुक्त जस्टिस एन.के. अग्रवाल ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग निदेशालय के उच्चाधिकारी पानीपत के तत्कालीन डीसी और समालखा नगरपालिका के अधिकारी जैसे-तैसे कांग्रेसी विधायक की अवैध निर्मित कोठी को पास करने पर आमदा थे। लोकायुक्त जांच में फर्जीवाड़ा उजागर होने की रिपोर्ट मिलने के बावजूद वर्ष 2018 में भाजपा शासन में कांग्रेसी विधायक धर्म सिंह छौक्कर की कोठी को कालोनी बताकर पास कर दिया गया।

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने वर्ष 2014 में लोकायुक्त को दी थी शिकायत

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने वर्ष 2014 में लोकायुक्त को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि कांग्रेसी विधायक धर्म सिंह छौक्कर ने न्यू दुर्गा कालोनी नामक अवैध कालोनी में बिना नक्शा पास कराए किलानुमा कोठी बना ली है। नगरपालिका में व्याप्त कई अन्य भ्रष्टाचारों के खिलाफ भी शिकायत की थी। लोकायुक्त के आदेश पर वर्ष 2015 में की गई जांच में एसडीएम समालखा गौरव कुमार ने कपूर के सभी आरोपों को सही पाया था। जांच रिपोर्ट अनुसार कांग्रेसी विधायक की पौने एकड़ में बनी कोठी मूल रूप से 20 एकड़ रकबा वाली अवैध कालोनी (न्यू दुर्गा कालोनी) में स्थित है। जब न्यू दुर्गा कालोनी को पास करने का केस वर्ष 2013 में सरकार ने रद्द कर दिया तो विधायक की कोठी को साईं एन्कलेव कालोनी का नाम देकर पास कराने का केस डीसी मार्फत सरकार को वर्ष 2014 में भेज दिया गया। जबकि मौके पर कांग्रेसी विधायक की कोठी के इलावा कुछ भी नहीं था। वर्ष 2015 में लोकायुक्त की जांच रिपोर्ट मिलने के बावजूद वर्ष 2018 में मनोहर सरकार ने कांग्रेसी विधायक की कोठी को कालोनी बताते हुए पास कर दिया।

फर्जीवाड़ा बेनकाब होने पर लोकायुक्त ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग से केस फाइल मांगी तो शहरी निकाय विभाग के डायरेक्टर व प्रधान सचिव ने शपथ पत्र देकर बताया कि मूल फाइल गुम हो गई है। लोकायुक्त जस्टिस एन.के. अग्रवाल ने अपने 7 जुलाई के आदेश में कहा कि उपलब्ध तथ्यों से शीशे की तरह स्पष्ट है कि वर्ष 2015 में घोटाला बेनकाब करने वाली डीसी की जांच रिपोर्ट पर कोई कारवाई करने में शहरी स्थानीय निकाय प्रधान सचिव, निदेशक, डीसी पानीपत व नगरपालिका समालखा के अधिकारियों की कोई रूचि नहीं थी। लोकायुक्त ने सरकार को रिटायर्ड सैशन जज व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी गठित करके तीन माह में दोषियों के खिलाफ कारवाई करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

ग़ौरतलब है कि जांच के दौरान दोषी पाए जाने पर नगरपालिका समालखा के तत्कालीन सचिव श्याम सुंदर दुग्गल, जय नारायण बंसल (सचिव), भवन निरीक्षक दलबीर सिंह, प्रवेश कौशिश (भवन निरीक्षक) व जेई नवीन को निकाय विभाग ने चार्जशीट कर रखा है। फर्जीवाड़ा साबित होने पर आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने कांग्रेसी विधायक की अवैध निर्मित किलानुमा कोठी को तत्काल ध्वस्त करने व भ्रष्टाचार के दोषी सभी अधिकारियों को दंडित करने की मांग की है।

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