आईटीआई के पासआउट विद्यार्थी बनेंगे आक्सीजन प्लांट के मैकेनिक

आईटीआई के पासआउट विद्यार्थी बनेंगे आक्सीजन प्लांट के मैकेनिक
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केंद्र सरकार ने इसका हल निकालते हुए देश भर की आईटीआई के फीटर व्यवसाय के पासआउट 2500 विद्यार्थियों को आनलाइन प्रशिक्षित किया है।

सूरज सहारण. कैथल

वर्ष 2021 में कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के चलते देश व प्रदेश में आक्सीजन गैस का हा-हाकार मचा हुआ है। समय पर आक्सीजन न मिलने के कारण हजारों व्यक्ति दम तोड़ चुके हैं। भले ही केंद्र व प्रदेश सरकार आक्सीजन की उपलब्धता के कितने ही दावे करे लेकिन स्थिति किसी से छिपी नहीं है। हालात इस कदर बदतर हैं कि दिल्ली व गुड़गांव जैसे महानगरों में कोविड-19 व अन्य गंभीर मरीजों को आक्सीजन न मिलने के कारण उन्हें हरियाणा के विभिन्न शहरों में भर्ती करवाया जा रहा है। जैसे ही सरकार व उच्चाधिकारियों को आक्सीजन को लेकर प्राइवेट अस्पताल संचालकों व अन्य लोगों द्वारा आक्सीजन सिलेंडर के लाखों रुपये वसूलने की बात सामने आई तो सरकार ने आक्सीजन गैस के नियंत्रण को पूरी तरह से अपने हाथ में ले लिया है। सरकार व जिला प्रशासन ने सभी निजी अस्पतालों के आक्सीजन सिलेंडर को अपनी कस्टडी में लेते हुए जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया है जो निरंतर आक्सीजन आपूर्ति पर नजर रखे हुए है।

ऐसे में अब आक्सीजन की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा देश भर में 500 आक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला लिया है। इनमें से कई प्लांट तो महानगरों में स्थापित भी हो चुके हैं। ऐसे मेें अब सरकार द्वारा इन आक्सीजन प्लांटों को संचालित करने व मरम्मत आदि के लिए बड़े पैमाने पर संबंधित मैकेनिकों की जरूरत आन पड़ी है। केंद्र सरकार ने इसका हल निकालते हुए देश भर की आईटीआई के फीटर व्यवसाय के पासआउट 2500 विद्यार्थियों को आनलाइन प्रशिक्षित किया है। इन विद्यार्थियों को आईआईटी के युवाओं व शिक्षकों द्वारा आक्सीजन प्लांट को समुचित ढंग से चलाने व अन्य प्रकार का मूलभूत प्रशिक्षण दिया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर इन युवाओं को की सेवाएं ली जा सकें।

भविष्य में ली जा सकती हैं सेवाएं

जिला कैथल की आईटीआई के नोडल अधिकारी एवं राजकीय आईटीआई कैथल के प्रधानाचार्य सतीश कुमार ने बताया कि कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के आदेशानुसार राजकीय आईटीआई कैथल से फीटर व्यवसाय के पासआउट 10 विद्यार्थियों का डाटा निदेशालय भेजा गया था। अब इन युवाओं को आईआईटी के स्टाफ द्वारा आक्सीजन प्लांट के चलाने व रखरखाव से संबंधित विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। यदि भविष्य में सरकार व स्वास्थ्य विभाग को जरूरत पड़ी तो इन युवाओं को आक्सीजन प्लांट मैकेनिक के रूप में सेवाएं ली जा सकती हैं।

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