नारनौल-दादरी सड़क मार्ग की दयनीय हालत, डिप्टी सीएम को भेजा खून से लिखा पत्र

नारनौल-दादरी सड़क मार्ग की दयनीय हालत, डिप्टी सीएम को भेजा खून से लिखा पत्र
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धरना प्रदर्शन हुए। जाम भी लगाया गया। फिर भी कोई समाधान नहीं हो पाया। खून से लिखे पत्र में दीपक भांखरिया ने कहा कि 148-बी खस्ता सड़क मार्ग के कारण आमजन अति परेशान है। इस रोड पर संज्ञान लें अन्यथा खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहें। रक्त से लिखे पत्र को डिप्टी सीएम के दफ्तर पर भेजा गया है।

हरिभूमि न्यूज : महेंद्रगढ़

नारनौल-महेंद्रगढ़-दादरी सड़क मार्ग की दयनीय हालत की वजह से ही जिला से कांग्रेस सरकार गई। जब भाजपा सरकार आई तो आस बनी थी। भाजपा को पांच साल और भाजपा-जजपा की सरकार को ढाई साल का समय बीत चुका है। इस मामले में सौतले व्यवहार होने से महेंद्रगढ़ क्षेत्र के लोग खफा है। धरना प्रदर्शन हुए। जाम भी लगाया गया। फिर भी कोई समाधान नहीं हो पाया। इसी मुद्दे को लेकर अब गांव रिवासा के रहने वाले दीपक भांखरिया ने शुक्रवार को अपने रक्त से लिखा हुआ पत्र डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को भेजा है। खून से लिखे पत्र में दीपक भांखरिया ने कहा कि 148-बी खस्ता सड़क मार्ग के कारण आमजन अति परेशान है। इस रोड पर संज्ञान लें अन्यथा खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहें। रक्त से लिखे पत्र को डिप्टी सीएम के दफ्तर पर भेजा गया है। इस मौके पर डॉ. मनीष यादव, संदीप सेठ, अमित प्रधान, अनमोल, रवि माजरा व नवीन रिवासा अन्य लोग मौजूद रहे।

आपको बता दें की पिछले आठ वर्षों से नारनौल-महेंद्रगढ़-चरखी दादरी स्टेट हाईवे नहीं बन पा रहा। हुड्डा सरकार ने 2012 में इस सड़क को स्टेट हाईवे घोषित किया था। उसके बाद 2014 में केंद्र की भाजपा सरकार ने इसको राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा दे दिया था। बाद में इसको दोबारा डिनोटिफाई कर इसे स्टेट हाईवे में बदल दिया गया। अब एचएसआरडीसी की ओर से रोड बनाने की कार्रवाई की जा रही है। वर्तमान में रोड की हालत काफी जर्जर हो चुकी है। 15 से 20 फुट लंबे गड्ढे हो गए हैं। 19 महीने में प्रदेश सरकार अभी तक टेंडर ओपन तक ही पहुंची है। सरकार की ओर से 298 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है।

बता दें कि एनएएचआई ने जून-2020 में नारनौल से चरखी दादरी रोड को डिनोटिफाई कर दिया था। डिनोटिफाई होने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा रोड बनाया जाना था। इस रोड का नाम ओल्ड स्टेट हाईवे 148-बी दिया गया। सरकार ने इस रोड को बनाने के लिए एजेंसी तलाश करने में एक वर्ष से अधिक समय लगा दिया। एक वर्ष बाद 2021 में एचएसआरडीसी को रोड बनाने की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश जारी किए। सरकार की ओर से 298 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली। 2021 जुलाई माह में डीपीआर के लिए टेंडर लगाए गए थे। 16 नवंबर को टेंडर लगाए गए जो चार जनवरी-2022 को ओपन किए गए थे। मात्र एक कंपनी टेंडर लगाए जाने की वजह से उसी दिन टेंडर रिकॉल किए।

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