नवजात को हेपेटाइटिस बी, पोलियो तथा बीसीजी की डोज नहीं देने पर लगेगा जुर्माना

नवजात को हेपेटाइटिस बी, पोलियो तथा बीसीजी की डोज नहीं देने पर लगेगा जुर्माना
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बच्चों को सरकार द्वारा निर्देशित टीकाकरण सूची के अनुसार टीके लगाए जाएं, तो बचपन में होने वाली बीमारियों के मामले काफी हद तक कम हो जाएंगे

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी। डीसी अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि जिलेभर में संचालित सभी सरकारी तथा गैर सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, डिलीवरी हट व अन्य संस्थाओं पर नवजात बच्चे को 24 घंटे के भीतर हेपेटाइटिस बी, ओरल पोलियो वैक्सीन तथा बीसीजी की डोज देना एक जनवरी से अनिवार्य किया गया है। ऐसा न करने पर संस्था को 500 रुपये प्रति बच्चा जुर्माना देना होगा।

डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह सभी आंगनबाडी सेंटरों के माध्यम से टीकाकरण को लेकर गर्भवती महिलाओं को सूचना दें। उन्होंने कहा कि अधिकारी जिले में संचालित सभी ईंट भट्ठों, हैचरी व प्रवासी मजदूरों के अन्य स्थानों पर गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में कराने के लिए प्रेरित करें ताकि कोई भी नवजात बच्चा तीनों डोज लेने से वंचित न रहें।

डीसी गर्ग ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुछ वैकल्पिक टीके भी शिशुओं को लगाने की सलाह दी जाती है। उन्होंने कहा कि अगर बच्चों को सरकार द्वारा निर्देशित टीकाकरण सूची के अनुसार टीके लगाए जाएं, तो बचपन में होने वाली बीमारियों के मामले काफी हद तक कम हो जाएंगे। साथ ही 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में भी काफी कमी आ जाएगी। इस सारणी का उद्देश्य इन बीमारियों को पूरी तरह से खत्म करना है। उन्होंने अभिभावकों से 9 से 12 महीने के बच्चों को एफआईपीवी-3 की डोज अवश्य दिलवाने का आव्हान किया है।

बीमारियों से सुरक्षा के लिए टीकाकरण अनिवार्य

टीकाकरण शिशु को गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है। चिकित्सकों की सलाह है कि बच्चों को बचपन की सबसे आम और खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित करने के लिए टीके लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि शिशु और छोटे बच्चों को विशेष तौर पर इन बीमारियों का खतरा होता है। नवजात को जन्म के 24 घंटे के अंदर दी जाने वाली यह जरूरी डोज टीकाकरण कार्यक्रम के तहत शिशु को नियमित तौर पर डिलीवरी संस्था द्वारा दी जाएगी।

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