विदेशों से व्यापार करते थे हड़प्पाकालीन सभ्यता के लोग, राखीगढ़ी में खुदाई के दौरान मिले इतिहास के कई रहस्य

नारनौंद ( हिसार )
हरियाण के हिसार जिले की आइकॉनिक साइट राखीगढ़ी के टीले नंबर एक पर खुदाई के दौरान काफी मनके मिले हैं और इन्हीं मनकों को व्यापार के लिए विदेशों में भेजा जाता था। सबसे पहले विदेशों में व्यापार इन्हीं लोगों ने शुरू किया था। महिलाएं तथा पुरुष भी सजने संवरने के लिए के इन मनकों का प्रयोग करते थे।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली की तरफ से राखीगढ़ी के टीलों पर खुदाई की जा रही है। टीले नंबर एक पर खुदाई के दौरान अलग-अलग तरह के अनेक मनके मिले हैं। अब यह जानकारी और भी पुख्ता हो गई है कि हड़प्पाकाल के लोग ही सबसे पहले विदेश में भ्रमण के लिए गए थे और उसके बाद में उन्होंने वहां पर व्यापार शुरू कर दिया था। जो मनके यहां पर मिल रहे हैं। उनका उपयोग आज भी ईरान में होता है।
हड़प्पाकाल के लोगों के ईरान के साथ अफगानिस्तान और पाकिस्तान से भी व्यापारिक रिश्ते रहे हैं। यहां पर जो नीले रंग के मनके मिलते हैं वह उनका व्यापार अफगानिस्तान में करते थे। साल 2015 में खुदाई के दौरान यहां काफी मोहरें मिलीं थीं जिन पर शेर के निशान अंकित थे। ये मोहरें व्यापार करने के लिए प्रयोग में लाई जाती थी। खुदाई के दौरान मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े भी मिले हैं। जिन पर अच्छी चित्रकारी की गई है। ऐसे बर्तनों का प्रयोग भी व्यापार के लिए करते थे।
मनकों की कार्बन डेंटिंग होगी : मंजुल
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली के संयुक्त महानिदेशक संजय मंजूल ने बताया कि खुदाई के दौरान अनेक प्रकार के मनके पाए गए हैं और इन मनको का संबंध कहां- कहां से है। इसका पता लगाया जाएगा वहीं इनकी कार्बन डेटिंग भी करवाई जाएगी। खुदाई के दौरान हर पहलू पर नजर रखी जा रही है। अभी यह शुरूआत है।
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