पालतू कुत्ते ने लड़की को काटा, सोसायटी प्रबंधन को ब्याज सहित देना होगा 3.80 लाख का मुआवजा

गुडग़ांव। डीएलएफ फेस 5 स्थित मैग्रोलियास आवासीय सोसायटी निवासी एक व्यक्ति की पुत्री को सोसायटी में रहने वाले एक सदस्य के पालतू कुत्ते द्वारा शिकायतकर्ता की पुत्री को काटकर घायल करने के मामले की सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष संदीप जिंदल, पदेन सदस्य उपासना बागला व रिशीदत्त कौशिक ने जहां सोसायटी प्रबंधन पर 3 लाख 80 हजार रुपए का मुआवजा 9 प्रतिशत ब्याज दर से शिकायतकर्ता को देने के, वहीं 20 हजार रुपये अदालती खर्च का भुगतान करने के आदेश भी दिए हैं।
जानकारी के अनुसार उक्त सोसायटी में रहने वाले पंकज अग्रवाल ने वर्ष 2020 की 21 सितम्बर को उपभोक्ता फोरम में शिकायत दी थी कि इसी वर्ष की 25 फरवरी को उसकी 9 वर्षीया पुत्री सोसायटी में लगी लिफ्ट से 22वीं मंजिल पर अपने अंकल के पास जा रही थी। जब वह 10वीं मंजिल पर पहुंची तो सोसायटी में ही रहने वाले राकेश कपूर का नौकर बिना चैन बांधे कुत्ते को लेकर लिफ्ट में सवार हो गया और कुत्ता उसकी पुत्री पर झपट पड़ा। पालतू कुत्ते ने उसे गंभीर रुप से घायल कर दिया। घायल पुत्री का उपचार क्षेत्र के एक अस्पताल में भर्ती कर कराया। जब उसने इसकी शिकायत सोसायटी प्रबंध, एस्टेट मैनेजर व पालतू कुत्ते के मालिक राकेश कपूर से की तो उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। जिस पर पीड़िता के पिता को कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटाना पड़ा और उन्होंने सोसायटी के सुरक्षा एजेंसी, सिक्योरिटी मैनेजर, एस्टेट मैनेजर, सोसायटी के अध्यक्ष, सचिव व राकेश कपूर के खिलाफ कंज्यूमर फोरम में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 की धारा 35 के तहत शिकायत दर्ज करा दी थी।
सभी आरोपियों ने अपने अधिवक्ताओं को इस मामले की सुनवाई के लिए अधिकृत किया था। फोरम ने सभी अधिवक्ताओं की दलीलों को ध्यान से सुना और पाया कि सोसायटी में सुरक्षा के समुचित प्रबंध नहीं हैं। जबकि सोसायटी में रहने वाले सदस्य प्रतिमाह सवा लाख से भी अधिक सिक्योरिटी व मैंटीनेंस चार्जेस का भुगतान करते हैं। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने दलील दी कि सोसायटी में निवास करने वाले सदस्यों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सोसायटी के पदाधिकारियों की है। कंज्यूमर फोरम के अध्यक्ष व सदस्यों ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि सोसायटी पीड़ित को 3 लाख 80 हजार रुपये का मुआवजा 9 प्रतिशत ब्याज दर से फोरम में केस फाइल किए जाने की तारीख से भुगतान करे और साथ ही यह आदेश भी दिया कि पीड़ित को फोरम में मामला दर्ज कराने में हुए खर्च के रुप में 20 हजार रुपए का भुगतान भी किया जाए। फोरम ने इस प्रकार का यह फैसला सुनाया है।
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