पतंजलि की कोरोनिल किट खरीदने के हरियाणा सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली Petition खारिज

योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी द्वारा निर्मित कोरोनिल किट खरीदने के हरियाणा सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस मामले में फरीदाबाद निवासी युवक अभिजीत सिंह द्वारा दायर याचिका में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा निर्मित अवैज्ञानिक कोरोनिल किट की खरीद और वितरण से हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग को रोकने के निर्देश देने की मांग की गई थी ।
याचिका में हरियाणा सरकार को करदाताओं के पैसे को बर्बाद करने से रोकने के लिए और इसके बजाय उचित वैज्ञानिक दवा और चिकित्सा उपकरण खरीदने के लिए सार्वजनिक धन का उपयोग करने के लिए और निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता के अनुसार, टीके, ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर/सिलेंडर, एंटीबायोटिक्स, पेरासिटामोल, कफ सिरप, विटामिन-सी आदि की तत्काल आवश्यकता है न कि अवैज्ञानिक कोरोनिल किट की।याचिका में याचिकाकर्ता ने स्वास्थ्य विभाग को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह से काम करने का निर्देश देने की भी मांग की थी।
याचिका में कहा गया है कि 23 जून, 2020 को, पतंजलि ने कोरोनिल किट लॉन्च की, जिसमें दावा किया गया कि किट 100 प्रतिशत कोविड -19 रोगियों का इलाज करती है। इसके तुरंत बाद, आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को विज्ञापन बंद करने और पतंजलि द्वारा किए गए ऐसे दावों पर नोटिस भेज कर जवाब मांगा था। इतना सब होने के बाद भी 24 मई को, हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने एक निर्णय लिया और ट्वीट किया कि हरियाणा सरकार 1 लाख कोरोनिल किट खरीदेगी और इसे कोविड रोगियों को मुफ्त में वितरित करेगी। हरियाणा सरकार इन कोरोनिल किट पर 2.5 करोड़ रुपये खर्च करेगी। याचिका में सरकार के निर्णय पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
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