रोहतक : पीजीआईडीएस देश के टॉप-10 कॉलेज में तीसरे स्थान पर

रोहतक : पीजीआईडीएस देश के टॉप-10 कॉलेज में तीसरे स्थान पर
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पहले स्थान पर दिल्ली का मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस और फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंस किंग जॉर्ज यूनिवर्सिटी लखनऊ दूसरे स्थान पर है। रैकिंग के मानकों के आधार पर रोहतक के पीजीआईडीएस को 2 हजार में से 1741.7 अंक मिले हैं।

हरिभूमि न्यूज: रोहतक

पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस(Post Graduate Institute of Dental Science) एक बार फिर देश के 10 शीर्ष मेडिकल कॉलेज(Medical college) में तीसरे स्थान पर रहा। मार्केटिंग एंड डेपलपमेंट रिसर्च एसोसिएट (एमडीआर) द्वारा जो रैंकिंग जारी की गई है, उसमें पहले स्थान पर दिल्ली का मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस और फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंस किंग जॉर्ज यूनिवर्सिटी लखनऊ दूसरे स्थान पर है। रैकिंग के मानकों के आधार पर रोहतक के पीजीआईडीएस को 2 हजार में से 1741.7 अंक मिले हैं।

गौर करने लायक है कि पिछले वर्ष भी कॉलेज को देश में तीसरे स्थान पर ही था। इस बार भी रैंकिंग कायम रखी। इससे पहले इसी साल मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी रैंकिंग में डेंटल कॉलेज को देश में 15वां स्थान मिला था। रैकिंग केे बाद पीजीआईडीएस में खुशी का माहौल है।

इनके अंक मिले

नई रैकिंग की गई तो सभी कॉलेजों के एकेडमिक एक्सलेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, लिविंग एक्सपीरियंस, इनटेक यूटीलिटी और गवर्नेंस, पर्सनल्टी एंड लीडरशिप डेवलपमेंट, कैरियर प्रोफेशन एंड प्लेसमेंट के साथ परसेप्चुअल के आधार पर अंक दिए गए। कुल मिलाकर 2 हजार अंक थे। पीजीडीआईएस के कुल 241 अंक कटे। बता दें कि एमडीआरए द्वारा हर साल देश के विश्वविद्यालयों, मेडिकल कॉलेज, मैनेजमेंट कालेज और अन्य कॉलेज की रैंकिंग जारी की जाती है।

किसे कितने अंक मिले

डेंटल कॉलेज मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट दिल्ली को 2 हजार में से 1892.7, फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंस लखनऊ को 1841.2, पीजीआईडीएस, रोहतक को 1741.7, फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंस वाराणसी को 1726.2 और मणिपाल कॉलेज ऑफ डेंटल साइंस, मणिपाल को 1680.4 अंक मिले।

तीसरा रैंक मिला

इस बार भी पिछले साल की तरह तीसरा स्थान आया। रैकिंग को कायम रखना भी मुश्किल होता है, लेकिन हमारे कॉलेज ने ऐसा किया। हेल्थ यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. ओपी कालरा और अन्य चिकित्सकों की मेहनत से ही कॉलेज मुकाम पर कायम है। भविष्य में रैंकिंग में और सुधार होने की उम्मीद है। -डॉ. संजय तिवारी, प्राचार्य, डेंटल कॉलेज, रोहतक

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