पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा, इन गांवों के किसानों को खेती के लिए मिलेगा नहरी पानी

महेंद्रगढ़। मिकाड़ा विभाग की ओर से तीन गांवों के किसानों को खेती के लिए नहरी पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। इन गांवों में खेती के लिए नहरी पानी उपलब्ध करवाने के लिए पाइप लाइन बिछाने का पूरा हो चुका है। अन्य गांवों में भी पाइप लाइन बिछाने का काम तेजी पर है।
महेंद्रगढ़ जिले का गिरता जलस्तर किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। बहुत से गांवों को खेती के लिए ट्यूबवेल का पानी ना बराबर है। ऐसे में किसानों को फसलों में पानी देने के लिए बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है। फसलों में समय पर पानी नहीं पहुंचने के कारण किसानों को उत्पादन भी कम मिल रहा है। मिकाड़ा विभाग की ओर से जिले के किसानों को खेती के लिए नहरी पानी उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न गांवों में वर्ष 2020-21 में 10 टैंक का निर्माण करवाया गया था। नहर के माध्यम से इन टैंक में नहरी पानी पहुंचाया जाएगा तथा टैंक के माध्यम से विभिन्न गांवों के किसानों को खेती के लिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की निर्धारित दर पर पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। टैंक से खेतों के लिए पानी लाइन बिछाने का कार्य तेजी पर चल रहा है तथा तीन गांवों में सभी काम पूरे हो चुके हैं। अब इन गांवों के किसानों को इस सीजन से नहरी पानी मिलना शुरू हो जाएगा।
इन गांवों को मिलेगा नहरी पानी
मिकाड़ा विभाग की ओर से जिले के 10 गांवों में टैंक का निर्माण करवाया गया था। पंचायत की ओर से दी गई जमीन के हिसाब से टैंक का निर्माण करवाया गया था। एक टैंक बनाने में करीब 2.50 करोड़ से तीन करोड़ की लागत आई थी। गांव बलाना, जेरपुर व नांगल माला में सभी काम पूरे हो चुके हैं। जल्द ही इन गांवों को पानी मिलना शुरू हो जाएगा। इसके अलावा बुडीन, राजावास व मांडौला गांव में सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी है। अब टैंक से खेतों में पाइप लाइन बिछाने का कार्य तेजी के साथ चल रहा है। 18 करोड़ की लागत से खेतों में पाइप लाइन बिछाई जा रही है। एक टैंक से करीब 300 एकड़ फसल में पानी पहुंचाया जा सकेंगा। रबी की फसल की बिजाई के समय किसानों को नहरी पानी मिलना शुरू हो जाएगा। इसके अलावा गांव जैरपुर, ढाढोत, ऊष्मापुर व बलायचा में भी टैंक निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। एमआई प्रोजेक्ट का कार्य पूरा होते ही पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू हो जाएगा।
सूक्ष्म सिंचाई से पानी की होती है बचत
मिकाडा विभाग के जेई उत्तम सिंह ने बताया कि प्रदेश के 60 फीसद हिस्से में भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है। किसानों को कृषि में उपयोग होने वाले जल का सही उपयोग करना चाहिए, ताकि अगली पीढ़ी को खेती तथा घरेलू उपयोग के लिए उचित मात्रा में पानी उपलब्ध हो सकें। सही समय और सही मात्रा में सिंचाई करने से जल, खाद, दवाओं की भी कम आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई से लगभग 50 प्रतिशत तक पानी की बचत होने के साथ-साथ उत्पादन लागत को भी न्यूनतम स्तर पर लाया जा सकता है।
रबी फसल की बिजाई के समय मिलेगा किसानों का पानी
मिकाडा विभाग के एसडीओ बिजेंद्र सिंह ने बताया कि पाइप लाइन बिछाने का कार्य तेजी के साथ चल रहा है। 18 करोड़ की लागत से खेतों में पाइप लाइन बिछाई जा रही है। रबी की फसल की बिजाई के समय किसानों को नहरी पानी मिलना शुरू हो जाएगा। एक टैंक से करीब 300 एकड़ फसल में पानी पहुंचाया जा सकेगा।
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