स्योंसर के जंगल को विलुप्त प्रजाति के पक्षियों का बसेरा बनाने की योजना

स्योंसर के जंगल को विलुप्त प्रजाति के पक्षियों का बसेरा बनाने की योजना
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इस योजना को हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से तैयार किया जाएगा। 11 हजार एकड़ भूमि पर जंगल फैला हुआ है। इस जंगल में विलुप्त प्रजातियों के पक्षियों का बसेरा बनाने के साथ साथ वन्य जीव जैसे हाथी, बालू, हिरण, लंगूर बंदर सहित अन्य प्रजातियों का घर बनाने की योजना पर विचार किया जा रहा है

हरिभूमि न्यूज : कुरुक्षेत्र (पिहोवा)

पिहोवा के गांव स्योंसर के जंगल को वाइल्ड लाइफ एंड बर्ड सेंचुरी के रुप में विकसित करने की योजना को तैयार किया जाएगा। इस गांव में 11 हजार एकड़ भूमि पर जंगल फैला हुआ है। इस जंगल में विलुप्त प्रजातियों के पक्षियों का बसेरा बनाने के साथ साथ वन्य जीव जैसे हाथी, बालू, हिरण, लंगूर बंदर सहित अन्य प्रजातियों का घर बनाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। इस योजना को हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से तैयार किया जाएगा।

इस योजना का खाका तैयार करने के बाद अंतिम अनुमति के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल हरियाणा के वनमंत्री कंवरपाल के समक्ष रखा जाएगा। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपायध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने स्योंसर जंगलों का अवलोकन करने के बाद अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे थे। इससे पहले बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच, हरियाणा वन डाइवरसिफिकेशन के चेयरमैन विनित गर्ग, जिला वन अधिकारी रविंद्र धनखड़, बोर्ड के एस ई अरविंद कौशिक, कार्यकारी अभियंता हसंराज सहित अन्य अधिकारियों ने पिहोवा के गांव स्योंसर के जगंलों का बारीकी से अवलोकन किया।

इस दौरान स्योंसर के जंगलों को वन्य जीव एवं पक्षी अभयारण्य के रुप में विकसित करने की संभावनाओं को देखा और विस्तार से चर्चा की है। इन अधिकारियोंं ने योजना के हर पहलु पर विचार किया और योजना को आगे बढ़ाने की रुप रेखा पर उपाध्यक्ष से बातचीत की है। उन्होंने कहा कि इस स्थल को विकसित करने के लिए हर पहलु पर विचार किया जाएगा ताकि इस स्थल को देश का सबसे सुंदर वन्य जीव एवं पक्षी अभयारण्य के रुप में विकसित किया जा सके। उन्होंने कहा कि वन विभाग की तरफ से इस जंगल में फलदार व छायादार पौधे लगाने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही इस जंगल के आस-पास पहले तालाब बनाए जाएंगे ताकि इन तालाबों से जंगल में पानी पहुंचाया जा सके। इससे जंगल में रहने वाले पक्षियों व पशुओं को पीने के लिए पानी भी मिल सके। इस योजना का प्रारुप तैयार करके मुख्यमंत्री मनोहर लाल व वनमंत्री कंवरपाल के समक्ष रखा जाएगा। यहां से अनुमति मिलने के बाद ही आगामी कार्रवाई पर काम किया जाएगा। इस योजना के लिए केंद्र सरकार से भी बातचीत की जाएगी।

5 राज्यों के पर्यटक पहुंचते है तीर्थ नगरी पिहोवा में

बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि पिहोवा एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थली है। इस तीर्थ स्थली पर हरियाणा, पंजाब, हिमाचल. जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से श्रदालु और पर्यटक पहुंचते है। इस योजना के अमलीजामा पहनाने के बाद इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं पैदा होगी।

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