Single use Plastic : एक जुलाई से 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक का प्रयोग नहीं होगा

नूंह : उपायुक्त अजय कुमार ने जिला के नागरिकों से सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करने का आह्वान किया है और कहा है कि सिंगल यूज प्लास्टिक का हमारे वातावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इस प्लास्टिक का दुष्प्रभाव कई सौ सालों तक हो सकता है। उपायुक्त ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की ओर सबको कदम बढ़ाना होगा तभी हम वातावरण को स्वच्छ रख पाएंगे। आज प्रदूषण के कारण कई स्थानों पर वातावरण में सांस लेना भी दुभर है और इसमें सिंगल यूज प्लास्टिक के अंधाधुंध प्रयोग का सबसे बड़ा कारण है। प्लास्टिक ना केवल वर्तमान में प्रदूषण का कारण बनता है बल्कि अगले कई सौ सालों तक भी इसका दुष्प्रभाव वातावरण में बना रहता है। इसलिए हम सभी को मिलकर सामूहिक प्रयास करते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग से परहेज करना चाहिए तभी हम आने वाले पीढ़ी के लिए स्वच्छ वातावरण दे पाएंगे।
उन्होंने बताया कि एनजीटी एवं सरकार के निर्देशों के अनुसार आगामी एक जुलाई से प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। उसके बाद से एक बार प्रयोग किया जाने वाले प्लास्टिक का कोई भी सामान प्रयोग नहीं किया जा सकेगा। एनजीटी द्वारा जारी निर्देशों की सभी को पालना करनी पड़ेगी। बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने और वातावरण का स्वच्छ रखने के उद्देश्य से सरकार एवं एनजीटी द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है।
उपायुक्त ने बताया कि सरकार एवं एनजीटी द्वारा प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियम, 2016 को प्रभावी ढंग से लागू करने को कहा गया है। इन आदेशों की अवहेलना पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति अथवा संस्थान के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्यवाही करने का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार एवं एनजीटी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्लास्टिक की मोटाई 120 माइक्रोन से कम नहीं होनी चाहिए। इससे कम मोटाई वाले प्लास्टिक की चीजों पर प्रतिबंध रहेगा।
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