HSVP PLOT : 2012 में निकला प्लॉट, कब्जा नहीं दिया तो अधिकारियों के गैर जमानती वारंट और खाते अटैच कर रुपये देने के आदेश

हरिभूमि न्यूज. रोहतक : हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(HSVP) ने अधिकारियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं। ये आदेश उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की तरफ से दिए गए हैं। मामला प्लॉट पर कब्जा नहीं देने का है। 2012 में दो महिलाओं और एक व्यक्ति के प्लॉट अलॉट हुए थे। पूरे रुपये जमा करवाने और इनहांसमेंट जमा करवाने पर भी उन्हें कब्जा नहीं दिया गया। अब 21 जनवरी को गैर जमानती वारंट जारी करते हुए यह भी आदेश दिए गए हैं कि जितने रुपये रुपये कर रिकवरी होनी है, उस राशि को प्राधिकरण के खातों से अटैच करके ये दिलवाया जाए।
बता दें कि रोहतक के रहने वाले रुची, मीनू और अमनदीप ने उस समय हुडा के प्लॉट के लिए आवेदन किया था। 2012 में तीनों को एक-एक प्लॉट अलॉट भी हो गया। इसके बाद नियमानुसार उन्होंने किश्तों में पूरे रुपये जमा करवा दिए, इन्हांसमेंट भी जमा करवा दी। तीन साल के बाद उपभोक्ता को प्लॉट पर कब्जा देना होता है, लेकिन अथोरिटी ने तीनों को प्लॉट पर कब्जा नहीं दिया। इसके बाद तीनों उपभोक्ताओं ने अदालत की शरण ली।
बताया चल रहा है केस
तीनों के एडवोकेट ऋषि देशवाल ने बताया कि जब अधिकारियों से प्लाॅट का कब्जा देने के लिए कहा गया, तो उन्होंने बताया कि जिस जगह प्लॉट अलॉट किए गए हैं, उन जगहों पर किसानों ने केस कर रखा है। इसलिए वे प्लॉट पर कब्जा नहीं दे सकते। अब उपभोक्ताओं ने रुपये वापस लेने के लिए याचिका लगाई।
वारंट जारी
तभी से केस चला हुआ था। अब 21 जनवरी को नए आदेश आए और एचएसवीपी (HSVP) हेड ऑफिस के एक अधिकारी और एचएसवीपी (HSVP) रोहतक के दो अधिकारियों के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए गए। उपभोक्ताओं ने अर्जी में बैंक खाते नंबर भी दिए और इनसे रुपये वापस करने की मांग की।
सभी राशि प्राधिकरण के खाते से अटैच करके दी जाएगी
रुची की रिकवर होने वाली राशि 12 लाख 97 हजार 173 रुपये है। इसी तरह मीनू की रिकवर होने वाली राशि 7 लाख 72 हजार 52 रुपये है। तीसरे उपभोक्ता अमनदीप की राशि 6,10016 रुपये है। ये राशि प्राधिकरण के खाते से अटैच करके दी जाएगी।
अदालत के आदेशों की अनदेखी
हरियाणा में अफसर शाही है। अदालत के आदेशों की भी अनदेखी की जाती है। अब ये नए आदेश आए हैं। 2012 से प्लॉट ही नहीं दिया जा रहा। एचएसवीपी (HSVP) के पंचकुला और रोहतक के तीन अधिकारियों के गैर जमानती वारंट हैं। खाते से राशि अटैच करने के भी आदेश हैं। अब इस मामले में 21 फरवरी को सुनवाई होगी।
एडवोकेट ऋषि देशवाल, स्टेट वाइस प्रेजिडेंट ऑल हरियाणा रेजिडेंट्स वेलफेयर एसो. और आरडब्ल्यूए सेक्टर-6 के प्रधान।
कोर्ट मे केस चलता रहा और 2020 में तीनों उपभोक्ताओं के हक में फैसला आया। एडवोकेट ऋषि देशवाल के अनुसार कोर्ट ने आदेशों में कहा है कि जितने रुपये उपभोक्ताओं ने जमा करवाए हैं। उस पर 9 प्रतिशत ब्याज दिया जाए और अलटर्नेट प्लॉट भी अलॉट किया जाए। केस चलता रहा, बार-बार ऑर्डर जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ।
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