पीएम स्वामित्व योजना : प्रतिशत बढ़ाने के चक्कर में मिटा दिए हजारों मालिक

पीएम स्वामित्व योजना : प्रतिशत बढ़ाने के चक्कर में मिटा दिए हजारों मालिक
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लगातार बरती जा रही सख्ती से घबराए आए कुछ चालाक कर्मचारियों ने भू-मालिकों की संख्या ही कम कर दी, ताकि उनकी मैपिंग के कार्य की प्रतिशत में इजाफा हो सके।

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

2021 में शुरू की गई पीएम स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन को लेकर जिला प्रशासन गंभीर हो गया है। इसके लिये लगातार पंचायत एवं विकास विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से अपडेट लिया जा रहा है। लगातार बरती जा रही सख्ती से घबराए आए कुछ चालाक कर्मचारियों ने भू-मालिकों की संख्या ही कम कर दी, ताकि उनकी मैपिंग के कार्य की प्रतिशत में इजाफा हो सके। पहले नंबर पर गन्नौर ब्लॉक ने 10 हजार से अधिक, दूसरे नंबर पर खरखौदा ब्लॉक ने 9 हजार से अधिक तो तीसरे नंबर पर सोनीपत ब्लॉक रहा जहां 8 हजार से अधिक भू-स्वामियों को ही डिलीट कर दिया। इसका खुलासा बैठक में हुआ।उपायुक्त ने बैठक में इस विषय पर कड़ी प्रतिक्रिया दी तो कारनामा करने वालों ने अपने-अपने बहाने बना दिए। इस पर उपायुक्त ने नाराजगी जाहिर करते हुए जल्द से जल्द डिलीट किए गए भू-मालिकों को जोड़ने के निर्देश दिये। इतना ही नहीं जल्द ही पंचायत एवं विकास विभाग में उठा-पठक करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा बैठक में उपस्थिति को लेकर भी उपायुक्त ने नाराजागी जाहिर की और अनुपस्थित कर्मचारियों की पहचान कर एक दिन की तनख्वाह काटने के लिये कह दिया। अब देखना ये है कि जिला प्रशासन की सख्ती पीएम स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन को कितना तेज पर पाएगी या फिर कुछ चालाक कर्मचारी पहले की तरह सरकारी योजनाओं को पलीता लगाने में कामयाब रहेंगे।

बता दें कि इस योजना के तहत जिले में मैपिंग का कार्य 73.81 प्रतिशत ही संपन्न हो पाया है। जिले में 66 हजार से अधिक ग्रामीण ऐसे हैं, जोकि अभी तक अपनी जायदाद के स्वामी नहीं बन पाए हैं। मैपिंग के कार्य में सबसे फिसड्डी गन्नौर ब्लॉक, दूसरी पर मुडलाना और तीसरे नंबर पर कथूरा ब्लॉक हैं। इन तीनों में मैपिंग का कार्य क्रमश: 66.77, 66.90 व 67.73 प्रतिशत ही हो पाया है।

उपायुक्त हुए सख्त दिए तनख्वाह काटने के निर्देश

बैठक में विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही से नाराज उपायुक्त ने निर्देश दिए हैं कि जो कर्मचारी या अधिकारी काफी समय से एक ही जगह पर टिका हुआ है, उनका तबादला किया जाए। तबादला भी कम से कम 50 किलोमीटर दूर किया जाना है। इसके अलावा 120 के करीब अधिकारियों व कर्मचारी की उपस्थिति की बजाए केवल 66 अधिकारी व कर्मचारियों की उपस्थिति पर भी उपायुक्त ने नाराजगी जाहिर करते हुए अनुपस्थित कर्मचारियों की एक दिन की तनख्वाह काटने के निर्देश दिए हैं।

आईडी डिलीट करने में ये हैं आगे

गन्नौर : सबसे अधिक भू मालिक गन्नौर ब्लॉक में डिलीट हुए हैं। गन्नौर ब्लॉक में दो तीन माह पहले भू मालिकों की संख्या 40 हजार 629 थी, वहीं दो दिन पहले ही मीटिंग में भू-मालिकों की संख्या 29 हजार 673 दिखाई गई है। इस ब्लॉक ने कुल 10 हजार 956 भू-मालिकों को ही डिलीट कर दिया।

खरखौदा : संख्या के हिसाब से भू-मालिकों को डिलीट करने के मामले में खरखौदा दूसरे नंबर पर है। इस ब्लॉक में तीन माह पहले 50 हजार 367 भू-मालिक थे, जिनकी संख्या अब 40 हजार 680 दर्शाई गई है। इस तरह से इस ब्लॉक में कुल 9 हजार 687 मालिकों को डिलीट किया गया है।

सोनीपत : इस श्रेणी में सोनीपत ब्लॉक तीसरे नंबर पर है। इस ब्लॉक में कुल 8 हजार 254 मालिकों को डिलीट किया गया है। 7 जुलाई को इस ब्लॉक में 36 हजार 681 भू मालिक थे, जोकि 9 अक्टूबर को 28 हजार 427 दर्शाए गए हैं।

स्वामित्व के आंकड़ों में कमी दिखाई दी थी, इसको लेकर बात की गई तो टेक्नीकल प्रोब्लम बताई गई थी। इस संदर्भ में संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। बैठक में अनुपस्थित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकारी योजना को लेकर प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है।- डा. मनोज कुमार, उपायुक्त, सोनीपत

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